मेलाटोनिन हार्मोन [Melatonin Hormone] आजकल नींद न आने की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए एक आम समाधान बन गया है। बाजार में यह गोलियों या गमीज के रूप में आसानी से मिलती हैं और कई लोग इसे बिना चिकित्सक के सलाह से खाने लगते हैं। वहीं पर सवाल ये उठता है क्या हर रात मेलाटोनिन लेना सुरक्षित है? आइए जानते हैं
मेलाटोनिन हार्मोन [Melatonin Hormone] आजकल नींद न आने की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए एक आम समाधान बन गया है। बाजार में यह गोलियों या गमीज के रूप में आसानी से मिलती हैं और कई लोग इसे बिना चिकित्सक के सलाह से खाने लगते हैं। वहीं पर सवाल ये उठता है क्या हर रात मेलाटोनिन लेना सुरक्षित है? आइए जानते हैं
शरीर की घड़ी पर असर
हमारा शरीर एक प्राकृतिक ‘घड़ी’ पर काम करता है, जिसे सर्केडियन रिदम कहते हैं। यह ताल हमें बताती है कि कब जागना है और कब सोना है।जब आप हर रात बाहर से मेलैटोनिन लेते हैं, तो आपका ब्रेन धीरे-धीरे खुद का मेलैटोनिन बनाना कम कर सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उसे लगता है कि ‘काम तो सप्लीमेंट कर रहा है।’
इसका नतीजा यह होता है कि:
–ऐसा करने के बाद आपकी हालत इस कदर बिगड़ जाती है कि आप बिना सप्लिमेंट के नहीं सो सकते हैं।
– लंबे समय तक इस्तेमाल के नुकसान
कुछ लोग जब मेलैटोनिन का इस्तेमाल लंबे समय तक करते हैं, तो उन्हें कुछ असुविधाएं महसूस हो सकती हैं:
– अजीब सपने: कुछ लोगों को बहुत विचित्र सपने आने की शिकायत होती है।
– सुस्ती या थकान: जागने के बाद भी आलस या भारीपन महसूस हो सकता है।
– हार्मोन का असंतुलन: लंबे समय तक इस्तेमाल से शरीर के हार्मोन में असंतुलन पैदा होने की भी संभावना रहती है।
डॉक्टर की सलाह
डॉक्टर सुरनजीत चटर्जी यही सलाह देते हैं कि मेलैटोनिन का यूज सिर्फ एक अस्थायी सहारे के तौर पर किया जाना चाहिए, न कि रोज की आदत के रूप में।
– याद रखें: मेलैटोनिन लेने से ज्यादा जरूरी है अपनी नींद की आदतों को सुधारना।
– अच्छी नींद के लिए ये तीन चीजें सबसे ज्यादा मायने रखती हैं
– समय पर सोना: रोज रात को एक ही समय पर बिस्तर पर जाएं।
– स्ट्रेस मैनेजमेंट: अपने तनाव को नियंत्रित करने के तरीके खोजें।
अगर आपको Chronic Insomnia है या नींद की कोई गंभीर समस्या है, तो खुद से लंबे समय तक मेलैटोनिन लेने से अच्छा है आप डॉक्टर से सलाह लीजिये।