आज जन्माष्टमी है इस पावन त्योहार का इंतज़ार कृष्ण भक्त बड़े ही खुशियों से करते हैं। इस दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्मउत्सव बड़े ही धूम धाम से मनाते हैं ।आज के दिन मथुरा की गलियों में नही बल्कि पूरे देश राधा कृष्ण के नाम की गंगा बहेगी । भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के बाद ब्रजमंडल के मंदिर, आश्रमों में नंदोत्सव मनाया जाएगा। नंदोत्सव में ब्रजवासियों को भगवान के जन्मोत्सव की खुशी में उपहार लुटाए जाते हैं। लेकिन, मंदिरों की नगरी के मध्य बसे दक्षिण भारतीय परंपरा के रंगजी मंदिर में नंदोत्सव अनोखे रूप में मनाया जाएगा।
आज जन्माष्टमी है इस पावन त्योहार का इंतज़ार कृष्ण भक्त बड़े ही खुशियों से करते हैं। इस दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्मउत्सव बड़े ही धूम धाम से मनाते हैं । आज के दिन मथुरा की गलियों में नही बल्कि पूरे देश राधा कृष्ण के नाम की गंगा बहेगी । भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के बाद ब्रजमंडल के मंदिर, आश्रमों में नंदोत्सव मनाया जाएगा। नंदोत्सव में ब्रजवासियों को भगवान के जन्मोत्सव की खुशी में उपहार लुटाए जाते हैं। लेकिन, मंदिरों की नगरी के मध्य बसे दक्षिण भारतीय परंपरा के रंगजी मंदिर में नंदोत्सव अनोखे रूप में मनाया जाएगा।
18 को मनाई जाएगी कृष्ण जन्माष्टमी
आज हर जगह मोहन के जन्म को मनाया जाएगा लेकिन मंदिर में 18 को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी। जबकि 19 अगस्त को नंदोत्सव पर लट्ठा का मेला आयोजित होगा। जिसमें अंतरयामी अखाड़े के पहलवानों को चुनौती मिलती है तैलीय पदार्थ उड़ेलते हुए लट्ठे पर। लट्ठे के ऊपर बनी मचान पर मंदिर कर्मचारी तेल-पानी युक्त तरल पदार्थ डालते हैं और पहलवान लट्ठा पर चढ़ने का प्रयास करते हैं। सात बार के प्रयास में अगर पहलवान सफल हो जाते हैं तो मंदिर की ओर से उन्हें पुरस्कृत किया जाता है। लट्ठा का मेला 19 अगस्त की शाम को मंदिर परिसर में आयोजित होगा
दक्षिण भारतीय परंपरा के रंगजी मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव उल्लास पूर्वक मनाया जाता है। लेकिन, मंदिर में दक्षिण भारतीय पंचांग के अनुसार ही उत्सव मनाए जाते हैं, जिसकी तिथि उत्तर भारत के पंचांग से अलग होती है। इसलिए इस बार रंगजी मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 18 अगस्त को मनाई जाएगी और नंदोत्सव के रूप में आयोजित होने वाला लट्ठा का मेला 19 अगस्त की शाम को मंदिर परिसर में आयोजित होगा।
रात में ठाकुरजी का पंचगव्य से महाभिषेक
भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव देश-विदेश में कृष्णभक्त अपने तरीके से मनाते हैं। इसी तरह दक्षिण भारतीय परंपरा के रंगजी मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव उल्लास पूर्वक मनाया जाता है। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर रात में ठाकुरजी का पंचगव्य से महाभिषेक कर सुंदर पोशाक और आभूषण धारण करवाए जाते हैं। वेदमंत्रों की अनुगूंज के मध्य आराध्य का पूजन होता है और दूसरे दिन शाम को नंदोत्सव के तौर पर लट्ठे का मेला आयोजित होता है।