माघ माह की जया एकादशी (Jaya Ekadashi) पर मंगलवार को कान्हा के ब्रज में आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा। मथुरा वृंदावन (Mathura Vrindavan) के बांके बिहारी मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ रही। सुबह भक्तों ने बांके बिहारी (Banke Bihari) के साथ होली भी खेली। भक्तों ने परिक्रमा भी लगाई। वृंदावन की गलियां राधे-राधे के जयकारों से गूंजती रहीं।
मथुरा। माघ माह की जया एकादशी (Jaya Ekadashi) पर मंगलवार को कान्हा के ब्रज में आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा। मथुरा वृंदावन (Mathura Vrindavan) के बांके बिहारी मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ रही। सुबह भक्तों ने बांके बिहारी (Banke Bihari) के साथ होली भी खेली। भक्तों ने परिक्रमा भी लगाई। वृंदावन की गलियां राधे-राधे के जयकारों से गूंजती रहीं।
मथुरा के द्वारकाधीश मंदिर (Dwarkadhish Temple) में सुबह आराध्य के दर्शन के लिए भक्त पहुंचे। यहां ठाकुरजी का विशेष शृंगार किया गया। प्राचीन केशवदेव मंदिर में मंत्रोच्चारण के साथ ठाकुरजी के श्रीविग्रह का अभिषेक किया गया। गोवर्धन में परिक्रमा मार्ग पर भी श्रद्धालुओं के कदम नहीं रुके। परिक्रमा मार्ग दिनभर ठाकुरजी के जयकारों से गुंजायमान होता रहा। तीर्थनगरी के अन्य मंदिरों में भी भीड़ रही। दिल्ली-हरियाणा सहित विभिन्न राज्यों के श्रद्धालु बड़ी संख्या में दर्शन के लिए आए हैं। इससे प्रेम मंदिर तिराहा (Prem Mandir Tiraha) , विद्यापीठ चौराहा (Vidyapeeth Square) , सौ फुटा रोड एंट्री प्वाइंट (Hundred Feet Road Entry Point) और अटल्ला समेत कई मार्ग पर जाम के हालात रहे। , ,
इधर, गिरिराजजी के जयकारों से तलहटी गूंज उठी। हजारों भक्तों ने परिक्रमा लगाई। आधी रात से ही भक्तों ने दानघाटी मंदिर (Daanghati Temple) में गिरिराजजी का दुग्धाभिषेक कर परिक्रमा लगाना शुरू कर दिया। दिन में भीड़ और बढ़ गई। भक्तों की भीड़ से गिरिराज तलहटी (Giriraj Foothills) भक्ति के सागर में डूब गई। भीड़ के आगे प्रशासन की व्यवस्थाएं ध्वस्थ रहीं। परिक्रमा मार्ग पर वाहनों के प्रवेश से श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ा।