इसका असर विश्व में व्यापार व्यवसाय में स्थिरता, मौसम में परिवर्तन तथा विभिन्न राशि के जातकों को लाभ के रूप में दिखाई देगा। हालांकि गुरु आने वाले समय में वक्री, अतिचारी भी होंगे।
देवगुरू बृहस्पति ने अपनी राशि का परिवर्तन कर लिया है। ज्योतिषियों ने इस परिवर्तन का प्रभाव सभी राशि के जातकों पर अलग अलग रूप से होने की बात कही है वहीं यह भी बताया है कि आगामी दिनों के गुरू वक्री और अतिचारी भी हो जाएंगे और इसका असर देश के विभिन्न क्षेत्रों में देखने के लिए मिलेगा।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पंडित अमर डिब्बेवाला ने बताया कि मिथुन राशि के स्वामी बुध हैं, जो नैसर्गिक दृष्टिकोण से गुरु से समकारक दृष्टि संबंध रखते हैं। इसका असर विश्व में व्यापार व्यवसाय में स्थिरता, मौसम में परिवर्तन तथा विभिन्न राशि के जातकों को लाभ के रूप में दिखाई देगा। हालांकि गुरु आने वाले समय में वक्री, अतिचारी भी होंगे। इसका समय-समय पर प्रभाव नजर आता रहेगा। व्यापार में वृद्धि, नौकरी में उन्नति तथा लाभ के लिए भी जन्म पत्रिका में गुरु की विशेष गणना की जाती है। मिथुन राशि में गुरुदेव 18 अक्टूबर तक मार्गी होकर गोचर करेंगे। इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। बृहस्पति के राशि परिवर्तन करते ही व्यापार व्यवसाय में उतार चढ़ाव की स्थिति निर्मित होगी। धातुओं के बाजार में परिवर्तन दिखाई देगा। नए स्टार्टअप्स के मामले में नीतिगत परिवर्तन होगा। रक्षा संसाधनों की दिशा में विशेष उपाय और उद्योगों में आधुनिकीकरण के प्रयास होंगे।
राशियों पर असर
मेष : आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। कुछ विशेष कार्य करना होंगे।
वृषभ : बाहरी यात्रा के माध्यम से धन की प्राप्ति होगी।
मिथुन : रुके कार्यों में गति आएगी, मांगलिक कार्य होंगे।
कर्क : घर परिवार में धार्मिक कार्य होंगे, यात्रा के योग बनेंगे।
सिंह : रुके हुए धन की प्राप्ति होगी, नए कार्य शुरू होंगे।
कन्या : किसी व्यक्ति के माध्यम से व्यापार की रूपरेखा बनेगी।
तुला : मित्रों से सहयोग प्राप्त होगा, लेकिन अपनी सीमा का ध्यान रखें।
वृश्चिक : व्यर्थ के विवादों से बचें, अन्यथा मानसिक तनाव होगा।
धनु : आर्थिक समस्या में सुधार होगा, धन लाभ की संभावना है।
मकर : लेनदेन में ध्यान रखें, नुकसान हो सकता है।
कुंभ : जरूरतमंद की सहायता करने का योग बनेगा।
मीन : दान, धर्म के साथ धार्मिक यात्रा पर जाने का योग बनेगा।