अगर आप भी भगवान शिव के अनन्य भक्त हैं और सावन में पूजा पाठ को लेकर तैयारियां शुरू कर दिए हैं तो सावन आने से पहले जान लीजिये कि भगवान शिव को क्या पसंद है और क्या नहीं पसंद हैं। सावन 11 जुलाई से शुरू हो रहा है। हिन्दू धर्म में इसे बहुत पवित्र माह माना गया है। आशुतोष कहे जाने वाले भगवान शिव को भक्त अपने हाथ से जो भी चढ़ा देता है उसे बड़े ही प्रेम से स्वीकार करते हैं। लेकिन फिर भी हम भगवान को प्रसन्न करने के लिए सावन आने से पहले क्यों न उनकी पसंद और ना पसंद जान लें।
अगर आप भी भगवान शिव के अनन्य भक्त हैं और सावन में पूजा पाठ को लेकर तैयारियां शुरू कर दिए हैं तो सावन आने से पहले जान लीजिये कि भगवान शिव को क्या पसंद है और क्या नहीं पसंद हैं। सावन 11 जुलाई से शुरू हो रहा है। हिन्दू धर्म में इसे बहुत पवित्र माह माना गया है। आशुतोष कहे जाने वाले भगवान शिव को भक्त अपने हाथ से जो भी चढ़ा देता है उसे बड़े ही प्रेम से स्वीकार करते हैं। लेकिन फिर भी हम भगवान को प्रसन्न करने के लिए सावन आने से पहले क्यों न उनकी पसंद और ना पसंद जान लें। सावन में पूजा करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान । आज हम आपको बताएंगे कि भगवान शिव को क्या पसंद है और क्या नहीं पसंद है।
देखिये भगवान शिव को क्या है पसंद
जल – समुन्द्र मंथन के समय भगवान शिव ने विष पी लिया था। विष पीने के बाद भगवान को जलन महसूस होने लगा तब उन्हे जल पीने से राहत मिला। इसीलिए भोलेनाथ को जल अत्यधिक प्रिय है।
बेलपत्र – बेलपत्र भगवान शिव की तीन पत्तियाँ शिव जी के नेत्रों का प्रतीक है। शिवलिंग पर सिर्फ 1 बेलपत्र चढ़ाना 1 करोड़ कन्या दान इतना महत्त्व है।
धतूरा – जो भगवान शिव को धतूर अर्पित करता है उसे 1000 नीलकमल चढ़ाने इतना फल मिलता है। ये चढ़ाने से आपके मन का बैर भी दूर हो जाता है।
शमी का फूल आक का फूल
शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव को एक आक का फूल चढ़ाने से सोना दान करने का महत्त्व मिलता है। एक शमी के फूल उतना महत्त्व है जितना कि आप 100धतूरा चढ़ाएँ।
चन्दन – चन्दन में शीतलता है माना जाता है कि भगवान शिव को चंदन लगाने से आपको यश , वैभव और कृति प्रदान होगा। इसे साथ ही दूध ,कपूर ,भष्म ,रुद्राक्ष शिव जी को बहुत पसंद है।
भष्म – भगवान शिव कैलाशवाशी के साथ ही समशान में भी निवास करते हैं इसीलिए उन्हे भष्म उन्हे बहुत प्रिय है।
क्या न करें
श्रृंगार -भगवान महादेव वैरागी हैं इसीलिए उन्हे श्रृंगार बिलकुल भी पसंद नही है। इसलिए हल्दी ,मेहंदी और रोली जैसे वस्तु बिलकुल भी चढ़ाएँ।
तुलसी – तुलसी जो कि पहले वृंदा थी। उनके पति जालंधर का शिव जी ने बध किया था। इससे नाराज़ होकर तुलसी ने श्राप दिया कि मै तुम्हारे पूजा में कभी भी शामिल नही हो सकती। इसके साथ भगवान शिव को नारियल और केतकी भी नहीं पसंद है।
रिपोर्ट – आकांक्षा उपाध्याय