सुरों के बादशाह कहे जाने वाले कुमार सानू (Kumar Sanu) आज अपना 65 वां बर्थडे सेलिब्रेट कर रहें हैं. कुमार सानू (Kumar Sanu) आज की पहचान के मोहताज नहीं है. सिंगर का जन्म 20 अक्टूबर 1957 को कोलकाता में हुआ था. कुमार सानू (Kumar Sanu) ने कड़ी मेहनत से बॉलीवुड में अपनी एक अलग पहचान बनाने में सफलता हासिल की।
Kumar Sanu Birthday Special: सुरों के बादशाह कहे जाने वाले कुमार सानू (Kumar Sanu) आज अपना 65 वां बर्थडे सेलिब्रेट कर रहें हैं. कुमार सानू (Kumar Sanu) आज की पहचान के मोहताज नहीं है. सिंगर का जन्म 20 अक्टूबर 1957 को कोलकाता में हुआ था. कुमार सानू (Kumar Sanu) ने कड़ी मेहनत से बॉलीवुड में अपनी एक अलग पहचान बनाने में सफलता हासिल की।
वहीं सिंगर ने फिल्म ‘आंधियां’ के साथ कुमार सानू (Kumar Sanu) ने अपने करियर की शुरुआत की थी। लेकिन कुमार सानू (Kumar Sanu) को असली पहचना साल 1990 में आई फिल्म ‘आशिकी’ से मिली।
आपको बता दें, इस मूवी में कुमार सानू की तरफ से गाए गाने इतने हिट हुए कि सिंगर सफतला के शिखर पर पहुंच गए। इसके बात उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और 350 से भी ज्यादा फिल्मों में अपनी आवाज दी।
कुमार सानू के गानों का जादू ऐसा है, जो भी सुनता है बस सुनता ही रह जाता है। आज हम आपको कुमार सानू (Kumar Sanu) के जीवन के उस किस्से के बारे में बताने जा रहे हैं, जब उन्होंने बंदूक की नोक पर गाना गाया था।
दरअसल एक बार सिंगर कुमार सानू (Kumar Sanu) ‘द कपिल शर्मा शो’ में पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने अपनी जिंदगी से जुड़ी कुछ बाते शेयर की थी। एक किस्सा सुनाते हुए कुमार सानू ने बताया कि ”एक बार मैं पटना में शो करने गया था। मैंने कुछ गाने गाए, जो लोगों को बहुत पसंद आए।
इसके बाद मैंने देखा, कुछ लोग आगे AK47 राइफल लेकर बैठे हुए थे और जो भी गाना अच्छा लगता तो फायर करते। तंबू में 6-7 छेद पहले से हो चुके थे। यह सब नजर अंदाज करते हुए मैंने ‘मैं दुनिया भुला दूंगा गाना गाया’, और जैसे ही दूसरा गाने लगा तो वह बंदूक वाले आए, और बोले गाना किसने बंद किया। यह मेरा पसंदीदा गीत है।
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वह शराब के नशे में थे। उन्होंने मुझसे कहा सानू जी मेरे को यह गाना फिर से सुनाइए, आपको यह गीत हमारे लिए गाना ही पड़ेगा। इतना सुनने के बाद मैं डर गया, मैंने कहा भाई मैं आपके लिए दूसरा गीत गा रहा हूं।”
कुमार सानू (Kumar Sanu) आगे बताते हैं, ”मेरी तमाम कोशिशों के बाद भी वह लोग नहीं माने और कहने लगे हमें तो वही गाना (मैं दुनिया भुला दूंगा) चाहिए। और मुझे बंदूक दिखाने लगे। उनके ऐसा करने पर मैं फिर से ‘मैं दुनिया भुला दूंगा’ गाने लगा। मैने उस दिन यह गाना 16 बार गाया।
फिर वह सब बंदूक लेकर खुद स्टेज पर आ कर गाने लगे। माहौल खराब होता देखकर मैं पीछे के रास्ते से जल्दी से वहां से निकला और पास में ही एक होटल में ठहर गया। इसके बाद सुबह 5 बजे तक वहां गोलियां चलती रहीं।”
वेब सीरीज की पैनी नजर अब टीवी पत्रकारिता और साइबर अपराध परइसी के साथ कुमार सानू (Kumar Sanu) ने एक और भी किस्सा शेयर किया। उन्होंने बताया कि जब पहली बार रेलवे ट्रैक पर परफॉर्म किया था और वह भी एक माफिया गैंग के सामने, तो यह बात उनके पिता को बिल्कुल पसंद नहीं आई थी।
उन्होंने बताया कि ”मेरा डेब्यू परफॉर्मेन्स रेलवे ट्रैक पर था। जहां एक माफिया गैंग के सामने मुझे कुछ हिंदी गानों को गाने के लिए कहा गया था और उस वक्त वहां करीब 20 हजार लोग मौजूद थे। मैं डर-डर के गाना गाया और नाचा भी, खुशकिस्मती से उस गैंग ने इसे पसंद भी किया। लेकिन मेरे पिता जो कि एक रुढ़िवादी पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखते हैं, उनको जब इस बारे में पता चला, तो उन्होंने मुझे एक जोर का तमाचा मारा और कहा कि यह गाने का कोई तरीका नहीं है।”