यूपी के लखीमपुर खीरी में महीनों से आतंक का पर्याय बना एक बाघ आज फिर वनविभाग के पिंजरे में कैद हो गया। बाघ के पकड़े जाने से इलाक़ाई लोगों ने राहत की सांस ली है। जिले की दक्षिण खीरी वन प्रभाग की मैगलगंज वन रेंज के जम्हौरा गांव में आज वन विभाग की टीम ने एक बाघ को पिजरे मे कैद कर लिया, यह बाघ पिछले तीन महीनों से मोहम्मदी रेंज में भी आतंक मचा रहा था।
Lakhimpur Kheri News: यूपी के लखीमपुर खीरी में महीनों से आतंक का पर्याय बना एक बाघ आज फिर वनविभाग के पिंजरे में कैद हो गया। बाघ के पकड़े जाने से इलाक़ाई लोगों ने राहत की सांस ली है। जिले की दक्षिण खीरी वन प्रभाग की मैगलगंज वन रेंज के जम्हौरा गांव में आज वन विभाग की टीम ने एक बाघ को पिजरे मे कैद कर लिया, यह बाघ पिछले तीन महीनों से मोहम्मदी रेंज में भी आतंक मचा रहा था।
अभी एक सप्ताह पहले यह बाघ मैगलगंज क्षेत्र में आ गया था और क्षेत्र वासियों के लिये आतंक का पर्याय बना हुआ था। आज जम्हौरा गांव के पास बैबहा मोड़ के निकट ग्रामीणों के द्वारा बाघ की मौजूदगी देखी गई थी। वन विभाग की टीम भी लगातार क्षेत्र में काम्बिंग कर रही थी। बीते कल यानी बुधवार को दोपहर में टीम ने लगभग आधा दर्जन हाई टेक कैमरे लगाये थे। वहीं स्थित अजय मिश्रा के खेत के पास एक पिंजरा भी लगाया गया था।
बाघ की मौजूदगी से क्षेत्र के किसान अपनी फसल काटने भी नहीं जा पा रहे थे। जम्हौरा गांव के ग्रामीण बाघ को देखकर भयभीत थे लेकिन आज वन विभाग की मेहनत रंग लाई और बाघ को पिंजरे में कैद कर लिया गया। मौके पर मौजूद डीएफओ साउथ संजय विश्वाल ने फोन पर बताया कि दक्षिण खीरी वन प्रभाग की मैगलगंज रेंज के अन्तर्गत ग्राम बैबहा जम्हौरा तहसील मितौली जिला खीरी में 1 नर बाघ शावक का रेस्क्यू किया गया है। सरायन नदी के समीप कृषि क्षेत्र में मिला शावक वन क्षेत्र की सीमा से लगभग 15 कि0मी0 दूर विचरण कर रहा था। मोहम्मदी एवं मैगलगंज की टीम इस शावक की मानीटरिंग कर रही थी।
उन्होने बताया कि डा0 दया पशुचिकित्सक, दुधवा टाइगर रिजर्व की देखरेख में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में इस शावक को लोकलाइज कर लिया गया। टीम द्वारा जाल के माध्यम से शावक को पकड़ने में सफलता प्राप्त हो गई है। बाघ को उसके प्राकृतवास में छोड़ने की कार्यवाही की जा रही है। इस सवाल पर कि इस बाघ को कहाँ छोड़ा जायेगा का जवाब देते हुये उन्होने बताया कि सम्भवतः इस टाइगर के शावक को गोरखपुर के जंगलों में छोड़ा जायेगा , बाकी मुख्यालय लखनऊ के उच्चाधिकारियों की पुष्टि लेकर ही उनके निर्देशानुसार ही इसे जंगल में छोड़ा जायेगा।
रिपोर्ट – एस.डी. त्रिपाठी