मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अफसरों को लाख हिदायत दे रहे हैं कि पीड़ितों के साथ सही आचारण रखें लेकिन मातहत इसके बिल्कुल विपरित चल रहे हैं। मुख्यमंत्री के आदेश को भी नहीं मान रहे हैं और न्याय की गुहार लगाने वाले लोगों को ही पुलिस के हवाले सौंप दे रहे हैं। दरअसल, हम बात कर रहे हैं मैनपुरी डीएम के तानाशाह रवैए का, जो संपूर्ण समाधान दिवस में पहुंची मां बेटी के सच का सामना नहीं कर पाए।
मैनपुरी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अफसरों को लाख हिदायत दे रहे हैं कि पीड़ितों के साथ सही आचारण रखें लेकिन मातहत इसके बिल्कुल विपरित चल रहे हैं। मुख्यमंत्री के आदेश को भी नहीं मान रहे हैं और न्याय की गुहार लगाने वाले लोगों को ही पुलिस के हवाले सौंप दे रहे हैं। दरअसल, हम बात कर रहे हैं मैनपुरी डीएम के तानाशाह रवैए का, जो संपूर्ण समाधान दिवस में पहुंची मां बेटी के सच का सामना नहीं कर पाए।
दोनों जमीन पर कब्जे की शिकायत करते हुए कहा कि, सब घूसखोर हैं, कोई नहीं सुन रहा। आप सुन लीजिए। ये सुनकर डीएम अंजनी कुमार भड़क उठे। मां-बेटी को जेल भेजने का आदेश दे दिया। डीएम का आदेश सुनकर अन्य अधिकारी भी सन्न रह गए, लेकिन उनका पारा चढ़ा रहा। पुलिस दोनों को पकड़कर थाने ले गई। तीन घंटे बिठाने के बाद शांति भंग की कार्रवाई कर दी गई।
शनिवार को किशनी में जिले स्तर का संपूर्ण समाधान दिवस था। डीएम अंजनी कुमार और एसपी विनोद कुमार समेत अन्य जिला स्तरीय अधिकारी शिकायतें सुन रहे थे। इसी बीच राधा अपनी बेटी दिव्या के साथ पहुंची। डीएम के सामने पहुंचकर बताया कि खेत पर कब्जा कर लिया है। इसी बीच राजस्व विभाग के अधिकारी बोलने लगे। यह देख राधा ने जोर-जोर से बोलना शुरू कर दिया कि वह हर जगह चक्कर काट चुकी है। कहीं सुनवाई नहीं हो रही है, सब घूसखोर हैं।
इतना सुनकर डीएम भड़क गए। इस पर महिला और उसकी बेटी को फटकार लगाते हुए पुलिस को बुलाया और उनको जेल भेजने के लिए कह दिया। वे दोनों कुछ समझ ही नहीं पाई, इतने में पुलिस पहुंची और मां-बेटी को पकड़कर गाड़ी में बिठाया और सीधे थाने ले गई। उनके खिलाफ शांति भंग की कार्रवाई कर दी।
डीएम का आया बयान
अब मैनपुरी के डीएम अंजनी कुमार का इस मामले में बयान आया है। उन्होंने कहा, एक और बेटी अपनी समस्या लेकन आईं थी और एक खेत का वीडियो भी बनाया था, जिसे हमने देखा। इस पर तत्काल आदेश दिए कि, इनका जो भी आंशिक रूप से खेत अधिकृति है, उसको खाली कराकर कार्रवाई की जाए। इस दौरान एसडीएम ने भी उनको सुना। उन्होंने आगे कहा, वो किसी के बहकावे में आकर आत्महत्या की धमकी देने लगी। इस पर उसको समझाने का प्रयास किया गया लेकिन वो आत्महत्या करने की बात बार बार कह रही थी। इस आशंका से कहीं वो आत्महत्या कर ले इसलिए पुलिस बुलाकर उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया गया। कुछ देर बाद उसे अपनी गलती का एहसास हुआ।