कुछ पेरेन्ट्स बच्चों के एग्जाम शुरु होते ही बच्चों के खेलने, बाहर जाने और हर काम में रोक टोक करना शुरु कर देते है। दिन रात उनपर पढ़ाई औऱ टॉप करने के लिए प्रेशर बनाना शुरु कर देते हैं।
कुछ पेरेन्ट्स बच्चों के एग्जाम शुरु होते ही बच्चों के खेलने, बाहर जाने और हर काम में रोक टोक करना शुरु कर देते है। दिन रात उनपर पढ़ाई औऱ टॉप करने के लिए प्रेशर बनाना शुरु कर देते हैं।
बच्चों की परीक्षाएं शुरु हो चुकी हैं। ऐसे में दिन रात बच्चों पर पढ़ाई का प्रेशर और एक्जाम का हव्वा न बनाएं। क्योंकि बच्चों पर पढ़ाई का प्रेशर डालने से बच्चे टेंशन और स्ट्रेस का शिकार हो सकते हैं। ऐसे में माता पिता की जिम्मेदारी होती है कि वह अपने बच्चे को एग्जाम के लिए तैयार करने में उनकी हेल्प करें।
उन पर पढ़ाई के लिएए प्रेशर बनाने की जगह एग्जाम से पहले से ही तैयारी करने में उनकी हेल्प करें। बच्चों पर एग्जाम के दौरान प्रेशर बनाने की बजाय उन्हें एग्जाम से पहले तैयारी कराएं। डेली उन्हें समझाना और पढ़ाई के लिए प्रेरित करें। उन्हें समझाएं कि कैसे आखिर समय पर पढ़ने से उन पर प्रेशर अधिक आ सकता है। ऐसे में उनके लिए एक टाइम टेबल बनाएं। जिससे वह डेली खेलने के बीच बीच पढ़ाई और सिलेबस को कलर करते रहें।
पुराने पेपर को सॉल्व कराएं। सिलेबस को रिवाइज करना किसी भी एग्जाम की तैयारी का एक अच्छा तरीका है। ऐसे में अपने बच्चे के लिए पुराने पेपर अरेंज करें और इन्हें डेली सॉल्व करें।
डेली पढ़ाई के लिए एक टारगेट तय करें। इससे यह समझना आसान होता है कि एग्जाम तक आप चीजों को कितने समय में प्रीपेयर कर सकते हैं। ऐसे में अपने बच्चे के साथ बैठकर सेशन के शुरुआत में एक स्टडी गोल बनाएं। ताकि बच्चा एग्जाम में पूरी तैयारी के साथ पहुंचे।