उत्तर प्रदेश के आम अब विदेशों में भी अपनी मिठास का परचम लहरा रहे हैं। मलिहाबाद के विश्वप्रसिद्ध दशहरी आम की पहली खेप रविवार को लखनऊ के रहमान खेड़ा स्थित मैंगो पैक हाउस (Mango Pack House) से दुबई के लिए रवाना की गई। उद्यान एवं कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने 1200 किलोग्राम आम के कन्साइनमेंट को हरी झंडी दिखाकर वायु मार्ग से रवाना किया।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के आम अब विदेशों में भी अपनी मिठास का परचम लहरा रहे हैं। मलिहाबाद के विश्वप्रसिद्ध दशहरी आम की पहली खेप रविवार को लखनऊ के रहमान खेड़ा स्थित मैंगो पैक हाउस (Mango Pack House) से दुबई के लिए रवाना की गई। उद्यान एवं कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने 1200 किलोग्राम आम के कन्साइनमेंट को हरी झंडी दिखाकर वायु मार्ग से रवाना किया।
इस निर्यात की खास बात यह रही कि यह आदेश सीधे प्रदेश के दो एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) — इरादा फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड और मलिहाबाद फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड — को दुबई की वीग्रो ट्रेडिंग एलएलसी कंपनी से मिला। यह पहली बार है जब उत्तर प्रदेश के एफपीओ को सीधे विदेशी बाजार से आम का निर्यात ऑर्डर प्राप्त हुआ है। कन्साइनमेंट का मूल्य 2992 अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹2.5 लाख) है, और इसी मूल्य का एक और 1200 किलो का कन्साइनमेंट एक दिन पहले भी भेजा गया था।
मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि आम का यह निर्यात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कृषि निर्यात नीति की सफलता का परिणाम है। सरकार का लक्ष्य किसानों की आय को दोगुना करना ही नहीं, बल्कि उन्हें वैश्विक बाजार से जोड़ना भी है। उन्होंने बताया कि दुबई में निर्यात किए गए आम का प्रति किलोग्राम मूल्य 211 रुपये मिला है, जो स्थानीय बाजार की तुलना में लगभग पाँच गुना अधिक है।
उन्होंने कहा कि इंडो-जर्मन एएमडी परियोजना के तहत लखनऊ क्षेत्र के एफपीओ को प्रशिक्षण, हैंडलिंग और पैकेजिंग जैसी आधुनिक तकनीकों से लैस किया गया है। यही कारण है कि ये एफपीओ आज अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरी उतरीं और सीधे दुबई जैसे बाजार से जुड़ सकीं। उन्होंने इसे प्रदेश के आम उत्पादकों के लिए “ऐतिहासिक उपलब्धि” बताया।
इस अवसर पर सचिव कृषि एवं निदेशक मंडी परिषद इंद्र विक्रम सिंह, विशेष सचिव एवं कृषि विदेश व्यापार निदेशक श्री टी.के. शिबु, सीआईएसएच के निदेशक टी. दामोदरन, पैक हाउस संचालक श्री अमित अग्रवाल, उपनिदेशक उद्यान डी.के. वर्मा, उपनिदेशक कृषि विपणन डॉ. सुग्रीव शुक्ल, मुख्य उद्यान विशेषज्ञ कृष्ण मोहन चौधरी, सहायक निदेशक संजय कुमार और इंडो-जर्मन प्रोजेक्ट जयपुर की टीम भी मौजूद रही।