नशीले कफ सिरप मामले में एसटीएफ ने ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू कर दी है। एसटीएफ को एक और बड़ी सफलता मिली है। एसटीएफ ने इस सिंडीकेट का अहम सदस्य बर्खास्त सिपाही आलोक प्रताप सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। उसे लखनऊ के सुल्तानपुर रोड स्थित उसके आवास से पकड़ा गया है।
लखनऊ। नशीले कफ सिरप मामले में एसटीएफ ने ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू कर दी है। एसटीएफ को एक और बड़ी सफलता मिली है। एसटीएफ ने इस सिंडीकेट का अहम सदस्य बर्खास्त सिपाही आलोक प्रताप सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। उसे लखनऊ के सुल्तानपुर रोड स्थित उसके आवास से पकड़ा गया है। बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह पूर्व सांसद धनंजय सिंह का बेहद करीबी बताया जाता है। अब एसटीएफ की टीम उससे इस नेटवर्क में जुड़े अन्य लोगों से पूछताछ करने में जुटी हुई है।
दरअसल, आलोक सिंह के खिलाफ एसटीएफ ने सोमवार को लुक आउट सर्कुलर जारी कवायद की थी, जिसके 24 घंटे के बाद ही उसे दबोच लिया गया। बताया जा रहा है कि, आलोक सिंह ने बीते कुछ दिनों पहले लखनऊ की एक अदालत में आत्मसमर्पण करने की अर्जी भी दी थी।
दरअसल, नशीले कफ सिरप के सिंडिकेट में शुभम जायसवाल, अमित सिंह टाटा और बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह शामिल हैं। इसके अलावा भी इसमें कई लोग हैं, जिनके बारे में एसटीएफ जांच कर रही है। ये तीनों पूर्व सांसद धनंयज सिंह के करीबी बताए जाते हैं। सोशल मीडिया पर धनंजय सिंह के साथ उनकी फोटो और वीडियो खूब वायरल हो रही है।
हालांकि, इस मामले में धनंजय सिंह ने खुद ही सीबीआई जांच की मांग की। उन्होंने बीते दिनों सोशल मीडिया एक्स पर लिखा था कि, पूरे मामले की सीबीआई जांच हो, जिससे मामला साफ हो सके। अब एसटीएफ अमित सिंह टाटा, विभोर राणा, विशाल सिंह के साथ आलोक सिंह को भी रिमांड पर लेकर पूछताछ कर सकती है। साथ ही, देश के तमाम राज्यों और बांग्लादेश आदि देशों में नशीले कफ सिरप की तस्करी के बारे में तथ्य जुटाएगी।
सिंडिकेट ने किया 2000 करोड़ का कारोबार
नशीले कफ सिरप मामले की जांच शुरू हुई तो कई हैरान करने वाले मामले सामने आए। इस सिंडिकेट की पड़ताल में सामने आया कि, इन्होंने 2000 करोड़ से ज्यादा का नकली कफ सिरप का कारोबार किया है। इस मामले में अब ईडी की भी एंट्री हो सकती है। सूत्रों की माने तो सही से जांच हो तो कई चौंकाने वाले खुलासे होंगे।