1. हिन्दी समाचार
  2. एस्ट्रोलोजी
  3. Navgrah Chalisa : नवग्रह चालीसा जपने और सुनने के चमत्कारिक लाभ है , सिद्धि-बुद्धि,धन-बल की होती है वृद्धि

Navgrah Chalisa : नवग्रह चालीसा जपने और सुनने के चमत्कारिक लाभ है , सिद्धि-बुद्धि,धन-बल की होती है वृद्धि

नवग्रह चालीसा एक ऐसी प्रार्थना जो नौ ग्रहों  (सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु, और केतु) की जीवंत ऊर्जा लाभ प्रदान करती है। प्राचीन ग्रंथों में इसका जिक्र मिलता है।

By अनूप कुमार 
Updated Date

Navgrah Chalisa : नवग्रह चालीसा एक ऐसी प्रार्थना जो नौ ग्रहों  (सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु, और केतु) की जीवंत ऊर्जा लाभ प्रदान करती है। प्राचीन ग्रंथों में इसका जिक्र मिलता है।  इसका पाठ करने से ग्रहों के शुभ प्रभाव को बढ़ाया जा सकता है और अशुभ प्रभावों को कम किया जा सकता है। आध्यात्मिक शक्त्यिों कोप्राप्त करने के लिए इसे जपने और सुनने के चमत्कारिक लाभ है। नवग्रह चालीसा की कृपा से सिद्धि-बुद्धि,धन-बल और ज्ञान-विवेक की प्राप्ति होती है। नवग्रह चालीसा के प्रभाव से इंसान धनी बनता है, वो तरक्की करता है। वो तरह के सुख का भागीदार बनता है, उसे कष्ट नहीं होता है।

पढ़ें :- Rahu Ketu Transit 2026 : साल 2026 में राहु-केतु के गोचर , जानें शुभ-अशुभ प्रभाव

सुख और समृद्धि: नवग्रह चालीसा का नियमित पाठ सुख, जीवन में समृद्धि और शांति लाता है।
आध्यात्मिक विकास: नवग्रह चालीसा का पाठ व्यक्ति को आध्यात्मिक रूप से विकसित होने में मदद करता है।
स्वास्थ्य:नवग्रह चालीसा का पाठ स्वास्थ्य में सुधार करने और बीमारियों को दूर करने में भी सहायक हो सकता है।
सर्वमनोकामनाओं की पूर्ति:नवग्रह चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।

॥ श्री सूर्य स्तुति ॥
प्रथमहि रवि कहं नावौं माथा,
करहुं कृपा जनि जानि अनाथा ।
हे आदित्य दिवाकर भानू,
मैं मति मन्द महा अज्ञानू ।
अब निज जन कहं हरहु कलेषा,
दिनकर द्वादश रूप दिनेशा ।
नमो भास्कर सूर्य प्रभाकर,
अर्क मित्र अघ मोघ क्षमाकर ।

॥ श्री चन्द्र स्तुति ॥
शशि मयंक रजनीपति स्वामी,
चन्द्र कलानिधि नमो नमामि ।
राकापति हिमांशु राकेशा,
प्रणवत जन तन हरहुं कलेशा ।
सोम इन्दु विधु शान्ति सुधाकर,
शीत रश्मि औषधि निशाकर ।
तुम्हीं शोभित सुन्दर भाल महेशा,
शरण शरण जन हरहुं कलेशा ।

॥ श्री मंगल स्तुति ॥
जय जय जय मंगल सुखदाता,
लोहित भौमादिक विख्याता ।
अंगारक कुज रुज ऋणहारी,
करहुं दया यही विनय हमारी ।
हे महिसुत छितिसुत सुखराशी,
लोहितांग जय जन अघनाशी ।
अगम अमंगल अब हर लीजै,
सकल मनोरथ पूरण कीजै ।

पढ़ें :- 6 दिसंबर 2025 का राशिफल : शनिदेव की कृपा से इन 5 राशियों को मिल सकता है धन लाभ,पढ़ें कैसा रहेगा आपका आज का दिन?

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...