मासूम के अपहरण और हत्या के मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। एक आरोपी मृतक मासूम के घर के बगल में रहता था और दूसरा घर के ठीक सामने। आरोपियों की ही निशानदेही पर पुलिस ने शव को शनिवार को राजस्थान से बरामद किया था।
आगरा। मासूम के अपहरण और हत्या के मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। एक आरोपी मृतक मासूम के घर के बगल में रहता था और दूसरा घर के ठीक सामने। आरोपियों की ही निशानदेही पर पुलिस ने शव को शनिवार को राजस्थान से बरामद किया था। अपहरण के कुछ घंटे बाद ही आरोपियों ने मासूम का गला दबा कर हत्या कर दी थी और 80 दिनों को तक मासूम के घर पर पत्र भेज कर 80 लाख रुपए की फिरौती मांग रहे थे। आरोपियों के खिलाफ अपहरण और हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है।
थाना फतेहाबाद के विजय नगर कॉलोनी (Vijay Nagar Colony) निवासी विजय प्रकाश उर्फ बीपी मैक्स चालक हैं। 30 अप्रैल को घर के बाहर खेलते समय उनके बेटे अभय उर्फ बिट्टू (8) का अपहरण हो गया था। पीड़ित पिता ने फतेहाबाद थाने में अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस 80 दिनों तक लगातार मासूम को तलाश रही थी। अपहरण के चंद घंटे बाद ही आरोपियों ने बच्चे को मौत के घाट उतार दिया था। लेकिन इसके बाद भी आरोपी फिरौती वसूलने के लिए परिवार को पत्र भेजते रहे। आरोपियों ने परिवार को करीब चार बार पत्र भेजे। इसमें 80 लाख तक की फिरौती मांगी गई। आरोपियों का फिरौती के लिए लिखा पत्र ही उनके गले की फांस बन गया। शनिवार को पुलिस ने आरोपी विजय नगर कॉलोनी में जनसेवा केंद्र चलाने वाले कृष्णा उर्फ भजन लाल निवासी गढ़ी साबराय, फतेहाबाद को प्रतापपुरा पुलिया के पास से गिरफ्तार किया। उसकी निशानदेही पर 80 दिन बाद छात्र का शव मनिया, राजस्थान से बरामद किया गया।
रविवार को छात्र के घर के सामने रहने वाले आरोपी राहुल को भी गिरफ्तार किया। पकड़े गए आरोपी कृष्णा ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि कुछ दिन पहले अभय के ताऊ राजेश और पिता विजय प्रकाश से झगड़ा हो गया था। तभी से वह अभय के पिता से रंजिश रखता था। 30 अप्रैल को कॉलोनी में शादी थी। उसी समय अपने साथी राहुल के साथ मिलकर अभय को पिता के पास ले जाने के बहाने स्कूटी पर बैठाकर ले जा रहा था। छात्र के चिल्लाने पर गला घोंटकर मार डाला। पुलिस के मुताबिक, आरोपी कृष्णा पर कॉलोनी के कई लोगों का पैसा बकाया था। उसने नौकरी दिलाने के नाम पर रकम वसूली थी। लोग तगादा कर रहे थे, जिससे छुटकारा पाने के लिए उसने अपहरण की योजना बनाई। राहुल पड़ोसी है और वेल्डिंग का काम करता है।
इसलिए रंजिश रखता था आरोपी
कृष्णा ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि कुछ दिन पहले अभय के ताऊ राजेश और पिता विजय प्रकाश से झगड़ा हो गया था। तभी से वह अभय के पिता से रंजिश रखता था। 30 अप्रैल को कॉलोनी में शादी थी। उसी समय अपने साथी राहुल के साथ मिलकर अभय को पिता के पास ले जाने के बहाने स्कूटी पर बैठाकर ले जा रहा था।छात्र के चिल्लाने पर गला घोंटकर मार डाला। पुलिस के मुताबिक, आरोपी कृष्णा पर कॉलोनी के कई लोगों का पैसा बकाया था। उसने नौकरी दिलाने के नाम पर रकम वसूली थी। लोग तगादा कर रहे थे, जिससे छुटकारा पाने के लिए उसने अपहरण की योजना बनाई।
दोनों ने मिलकर दो माह पहले बनाई थी अपहरण की योजना
घटना से 15 दिन पहले से ही कृष्णा ने अभय से दोस्ती बढ़ानी शुरू कर दी थी। रोजाना टॉफी देकर उसे बहलाता था ताकि वह आसानी से स्कूटी पर चले। अपहरण की दो माह पहले योजना बना रहे थे। मृतक के बाबा जगदीश ने घटना से 6 माह पूर्व 35 लाख रुपये की जमीन बेची थी। इसकी आरोपियों को जानकारी थी कि परिवार के पास रुपये हैं। इसलिए आरोपी फिरौती वसूलने के लिए पत्र भेजते थे।
लाश को प्लास्टिक के बोरे में बंदकर स्कूटी पर ही रखा
पुलिस ने बताया कि 30 अप्रैल को क्षेत्र में शादी थी। ऐसे में आरोपी आठ साल के अभय प्रताप को बहला-फुसलाकर स्कूटी पर ले गए। रास्ते में बच्चा रोने लगा। मम्मी-पापा के पास जाने की जिद करने लगा। इस पर आरोपियों ने बच्चे की गला दबाकर बेरहमी से हत्या कर दी। लाश को प्लास्टिक के बोरे में बंदकर स्कूटी पर ही रख लिया।
गड्ढा खोदकर मासूम की लाश को जमीन में दबाया
आरोपी स्कूटी को राजस्थान क्षेत्र के मनियां की ओर ले गए। यहां सुनसान जगह पर गड्ढा खोदकर मासूम की लाश को जमीन में दबा दिया। घटना के बाद आरोपी अपने घर लौट आए। सामान्य व्यवहार करने लगे। कृष्णा का अभय के घर से चंद कदम दूरी पर ही जन सेवा केंद्र था। बच्चे को लेकर परिजन परेशान थे। पुलिस भी तलाश में जुटी थी। वहीं आरोपी क्षेत्र में घूमते रहे। कृष्णा का अभय के घर से चंद कदम दूरी पर ही जन सेवा केंद्र है। बच्चे की तलाश के दौरान अधिकतर पुलिस अधिकारी जनसेवा केंद्र के सामने आकर बैठते थे। कृष्णा पुलिस कर्मियों से सामान्य बात करता था। वहीं दूसरा आरोपी राहुल वेल्डिंग का काम करता है। मृतक छात्र के घर के सामने रहने वाला राहुल रोज की तरह अपने काम पर जाता था। उसे देखकर कभी किसी को शक नहीं हुआ।
रिपोर्ट : सतीश सिंह