भोपाल। प्रदेश में धान और गेहूं उपार्जन में अब किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हो सकेगी क्योंकि सरकार ने अब इसके लिए एकीकृत निगरानी तंत्र बनाने का फैसला लिया है।
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने अफसरों को निर्देश दिये हैं कि धान और गेहूँ उपार्जन, परिवहन और भण्डारण में सामने आने वाली गड़बडियों को रोकने के लिए एकीकृत निगरानी तंत्र जल्द विकसित करें।
खाद्य मंत्री श्री सिंह ने अपर मुख्य सचिव खाद्य एवं आयुक्त खाद्य को दिये निर्देश में कहा कि है धान और चावल के मिलिंग और परिवहन के दौरान वाहनों में जीपीएस सिस्टम आवश्यक रूप से लगवाने के साथ उसकी मॉनिटरिंग भी करें। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि मुख्यालय स्तर पर कन्ट्रोल कमांड सेन्टर बनाया जाए जिससे खाद्य विभाग, नागरिक आपूर्ति निगम एवं वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन के जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों को पूरे प्रदेश में भण्डारित किये गये उपार्जित धान एवं गेहूँ और चावल की मात्रा, परिवहन और मिलिंग की जानकारी एक ही क्लिक पर उपलब्ध हो जाए। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशा अनुरूप खाद्य विभाग में जीरो टॉरलेंस की नीति के पारदर्शी तरीके से क्रियान्वयन हेतु खाद्य मंत्री श्री राजपूत हर संभव कोशिश कर रहे हैं।
गौरतलब है कि खाद्य मंत्री श्री राजपूत ने विधानसभा में सदन को आश्वस्त किया था कि उपार्जन, परिवहन, भण्डारण में गड़बड़ी रोकने के लिए एकीकृत प्रणाली विकसित कर होने वाली गड़बड़ियों पर लगाम कसेंगें। दरअसल सहकारिता विभाग के सहयोग से मिलकर गड़बड़ी करने वाली समितियों पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई जारी रखेगें। खाद्य मंत्री श्री राजपूत ने सदन को आश्वस्त किया था कि जिन जिलों में समितियों में कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटर द्वारा किसी भी प्रकार की गड़बड़ियां सामने आई है उन पर कठोर कार्रवाई की जाएंगी, किसी को भी बख्शा नहीं जायेगा।