उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल बना चर्चा का विषय नॉर्दर्न रेलवे मेंस यूनियन के नेताओं ने खुलेआम अधिकारियों की चुनौती दी है। पूर्व में भी अधिकारियों को चुनौती दे चुके हैं। ये घटना उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की है। जहां नॉर्दर्न रेलवे मेंस यूनियन के मंडलमंत्री राकेश कुमार पांडेय अपने चहेते कर्मचारी के ट्रांसफर को रोकने को लेकर इतना उग्र हो गए कि उन्होंने सारी हद ही पार कर दी।
लखनऊ। उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल बना चर्चा का विषय नॉर्दर्न रेलवे मेंस यूनियन के नेताओं ने खुलेआम अधिकारियों की चुनौती दी है। पूर्व में भी अधिकारियों को चुनौती दे चुके हैं। ये घटना उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की है। जहां नॉर्दर्न रेलवे मेंस यूनियन के मंडलमंत्री राकेश कुमार पांडेय अपने चहेते कर्मचारी के ट्रांसफर को रोकने को लेकर इतना उग्र हो गए कि उन्होंने सारी हद ही पार कर दी। उन्होंने डिवीजन के आलाधिकारियों को नसीहत तक दे डाली। वह भी काफी अमर्यादित तरीके से। अधिकारियों ने भी उनसे किसी तरीके की वार्ता पर अपना रूख स्पष्ट कर दिया है।
इससे पूर्व भी वर्ष 2023 में इनके द्वारा स्थाई वार्ता तंत्र बैठक में मंडल के अधिकारियों के साथ काफी अभद्रता किया गया था और बाद में माफी मांगी गई। यह वही नेता है जो पी वे ट्रेनिंग सेंटर आलमबाग में 10 वर्षों से अधिक कार्यरत हैं। इनके द्वारा ट्रैकमैन गेटमैनों को सुरक्षा और संरक्षा का पाठ पढ़ाया जाता है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार विगत दो वर्षों में सैकड़ों इंजीनियरिंग गेट मेन को मंडल के द्वारा या तो रिमूव फॉर्म सर्विस कर दिया गया या फिर यह SF 5 जैसी कठोर सजा दी गई। जो कि जांच का विषय है कि उनके द्वारा आखिर क्या पढ़ाया जाता है? जिससे इतने हादसे हो रहे हैं ? जांच का विषय है कि ये ट्रेनिंग सेंटर स्कूल में जाते भी है कि नहीं?
सूत्रों ने बताया है कि इनके द्वारा गलत तरीके से प्रमोशन लिया गया है। जब प्रशासन इनकी रिकवरी करने का आदेश देता है तो उनके द्वारा अपनी सर्विस रिकॉर्ड ही गायब कर दी जाती है, जबकि डीआरएम ऑफिस में बैठे इंजीनियरिंग डीलर को मेजर पेनल्टी भी दी जाती है। उसके बाद भी इनका सर्विस रिकार्ड डिवीजन के पास नहीं है। क्या इस यूनियन के नेता की इंक्वायरी कभी होगी या फिर यह रेल को चूना लगाकर रिटायर हो जाएंगे?