Pandit Chhannulal Mishra Passes Away: भारतीय शास्त्रीय संगीत के दिग्गज पंडित छन्नूलाल मिश्र अब नहीं रहे, उनका 89 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। संगीत के उस्ताद छन्नूलाल लंबे समय से अस्वस्थ थे। उन्होंने गुरुवार सुबह 4:15 बजे मिर्जापुर के गंगादर्शन कॉलोनी में अपनी बेटी नम्रता के आवास पर अंतिम सांस ली। उनके आकस्मिक निधन की खबर से संगीत जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।
Pandit Chhannulal Mishra Passes Away: भारतीय शास्त्रीय संगीत के दिग्गज पंडित छन्नूलाल मिश्र अब नहीं रहे, उनका 89 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। संगीत के उस्ताद छन्नूलाल लंबे समय से अस्वस्थ थे। उन्होंने गुरुवार सुबह 4:15 बजे मिर्जापुर के गंगादर्शन कॉलोनी में अपनी बेटी नम्रता के आवास पर अंतिम सांस ली। उनके आकस्मिक निधन की खबर से संगीत जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।
जानकारी के अनुसार, पंडित छन्नूलाल मिश्र को हाल ही में माइनर अटैक आने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस दौरान डॉक्टरों ने बताया था कि उनके चेस्ट में इंफेक्शन और खून की कमी भी है। ठीक होने के बाद, वे मिर्जापुर लौट आए और रामकृष्ण मिशन अस्पताल के डॉक्टरों की देखरेख में थे। छन्नूलाल मिश्र का अंतिम संस्कार गुरुवार शाम वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।
आजमगढ़ के रहनेवाले थे पंडित छन्नूलाल मिश्र
पंडित छन्नूलाल मिश्र का 3 अगस्त, 1936 को यूपी के आजमगढ़ जिले के एक गाँव में हुआ था। छन्नूलाल मिश्र ने अपनी प्रारंभिक संगीत शिक्षा अपने पिता से प्राप्त की। इसके बाद वह वाराणसी में औपचारिक संगीत शिक्षा प्राप्त करने गए। दिवंगत गायक ने ‘किराना घराना’ के उस्ताद अब्दुल गनी खां के मार्गदर्शन में भी गहन प्रशिक्षण प्राप्त किया। अपने उत्कृष्ट गायन कौशल के लिए प्रसिद्ध, पंडित छन्नूलाल मिश्र की प्रस्तुतियां भावपूर्ण और मधुर थीं, जिससे उन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त हुई।
पंडित छन्नूलाल को पूरब अंग की ‘ठुमरी’ शैली का भी एक अग्रणी माना जाता था। अपने दशकों के करियर में, उनको उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, नौशाद पुरस्कार और यश भारती पुरस्कार सहित कई सम्मान प्राप्त हुए। भारत सरकार ने उन्हें 2010 में प्रतिष्ठित पद्म भूषण और 2020 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया। उन्हें संगीत नाटक अकादमी फेलोशिप से भी सम्मानित किया गया।