सनातन धर्म में एकादशी व्रत की विशेष महिमा बतायी गई है। पौराणिक मान्यता है कि जो व्यक्ति नियमानुसार एकादशी व्रत रखता है, उन्हें सभी प्रकार के दुखों से छुटकारा मिल जाता है।
Papakunsha Ekadashi 2023 : सनातन धर्म में एकादशी व्रत की विशेष महिमा बतायी गई है। पौराणिक मान्यता है कि जो व्यक्ति नियमानुसार एकादशी व्रत रखता है, उन्हें सभी प्रकार के दुखों से छुटकारा मिल जाता है। एकादशी व्रत में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस पूजनीय व्रत का पुण्य 100 सूर्य यज्ञ या 1000 अश्वमेघ यज्ञ करने के बराबर है। आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन पापांकुशा एकादशी व्रत रखा जाएगा। जानें पूजा और महत्व के बारे में।
पापांकुशा एकादशी भगवान विष्णु के अवतार भगवान पद्मनाभ को समर्पित है। इस दिन भक्त पूरे समर्पण और उत्साह के साथ भगवान पद्मनाभ की पूजा करते हैं। पापांकुशा एकादशी व्रत रखने से, व्रतकर्ता को भगवान पद्मनाभ का आशीर्वाद प्राप्त होगा और वह इस दुनिया की सभी विलासिता का आनंद उठाएगा।
वैदिक पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 24 अक्टूबर दोपहर 03:14 से शुरू होगी और इस तिथि का समापन 25 अक्टूबर दोपहर 12:32 पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, पापांकुशा एकादशी व्रत 25 अक्टूबर 2023, बुधवार के दिन रखा जाएगा।