प्रयागराज में बाढ़ विकराल रूप लेता जा रहा है। गंगा और यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। नदियों के उफान से स्थिति काफी भयावक होती जा रही है। रविवार को गंगा का जलस्तर 86 मीटर के करीब पहुंच गया। बांध में रिसाव के चलते शनिवार देर रात हड़कंप मच गया। बालू भरी बोरी डालकर बांध को बचाने की कवायद की जाती रही।
Prayagraj Flood: प्रयागराज में बाढ़ विकराल रूप लेता जा रहा है। गंगा और यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। नदियों के उफान से स्थिति काफी भयावक होती जा रही है। रविवार को गंगा का जलस्तर 86 मीटर के करीब पहुंच गया। बांध में रिसाव के चलते शनिवार देर रात हड़कंप मच गया। बालू भरी बोरी डालकर बांध को बचाने की कवायद की जाती रही।
गंगा और यमुना के किनारों पर स्थित दो दर्जन से अधिक मुहल्लों के हजारों घरों में बाढ़ का पानी पहुंच गया है, जिसके कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अब लोगों ने अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थान तलाशना शुरू कर दिया है।

इन सबके बीच रविवार को भोर से ही हो रही मूसलाधार बारिश ने स्थिति को और भी भयावह कर दिया है। बाढ़ राहत शिविर में भीड़ काफी बढ़ गई है। दस हजार से अधिक लोग शरण लिए हुए हैं। यह संख्या और भी बढ़ रही है। वहीं, प्रशासन की रिपोर्ट के अनुसार नदियों के उफान पर रहने की वजह से 61 गांव व मोहल्ले बाढ़ की चपेट में हैं। शहर में भी करीब चार दर्जन मोहल्ले पूरी तरह से बाढ़ में घिर गए हैं और करीब एक लाख परिवार प्रभावित हुए हैं।

एनडीआरएफ और सीडीआरएफ ने संभाली कमान
बाढ़ के बढ़ते खतरे को देखते हुए वहां पर एनडीआरएफ और सीडीआरएफ ने कमान संभाल ली है। इसके साथ ही वहां पर करीब तीन दर्जन नावें चलाई जा रही हैं, जिससे लोगों की मुसीबत कम हो सके। इनकी मदद से बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने का क्रम जारी है। पार्षदों और क्षेत्र के प्रभावी लोगों को लेखपालों, एनडीआरएफ के अफसरों व नाविकों के मोबाइल नंबर दिए गए हैं। ताकि बाढ़ में घिरे लोग मदद मांग सकें।