HBE Ads
  1. हिन्दी समाचार
  2. दिल्ली
  3. Women’s Reservation Bill : नारी शक्ति वंदन अधिनियम पर राष्ट्रपति ने किया हस्ताक्षर, बना कानून, इन दो बिंदुओं पर फंसा है पेंच

Women’s Reservation Bill : नारी शक्ति वंदन अधिनियम पर राष्ट्रपति ने किया हस्ताक्षर, बना कानून, इन दो बिंदुओं पर फंसा है पेंच

Women’s Reservation Bill : महिला आरक्षण बिल (Women's Reservation Bill) पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने अपने हस्ताक्षर कर दिए हैं। जिसके बाद अब यह विधेयक कानून बन गया है। भारत सरकार ने इस संबंध में गजट अधिसूचना जारी की है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

Women’s Reservation Bill : महिला आरक्षण बिल (Women’s Reservation Bill) पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने अपने हस्ताक्षर कर दिए हैं। जिसके बाद अब यह विधेयक कानून बन गया है। भारत सरकार ने इस संबंध में गजट अधिसूचना जारी की है। बता दें कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम विधेयक (Nari Shakti Vandan Act) को गुरुवार को उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के हस्ताक्षर के बाद राष्ट्रपति के पास उनके अनुमोदन के लिए भेजा गया था। इसी महीने की शुरुआत में संसद के विशेष सत्र के दौरान संविधान संशोधन विधेयक (Constitutional Amendment Bill) को लोकसभा और राज्यसभा ने सर्वसम्मति से पारित किया था। इसे नारी शक्ति वंदन अधिनियम के नाम से जाना जाएगा।

पढ़ें :- Eid-ul-Fitr 2024 : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देशवासियों को दी ईद की मुबारकबाद

इस विधेयक के जरिये लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है। हालांकि, महिलाओं को इसका लाभ जनगणना और परिसीमन (लोकसभा और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों का पुनर्निर्धारण) की प्रक्रिया के बाद ही मिलेगा।

नारी शक्ति वंदन अधिनियम (Nari Shakti Vandan Act) लागू होने के बाद लोकसभा की 543 सीटों में से 181 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। यह आरक्षण 15 साल तक रहेगा। इसके बाद संसद चाहे तो इसकी अवधि बढ़ा सकती है। आरक्षण सीधे चुने जाने वाले जनप्रतिनिधियों के लिए लागू होगा। यानी राज्यसभा और राज्यों की विधान परिषद दायरे में नहीं आएंगी।

पढ़ें :- Lal Krishna Advani : भारत रत्न से चार विभूतियां मरणोपरांत हुई सम्मानित, आडवाणी को राष्ट्रपति घर जाकर देंगी सम्मान

इस दिन लोकसभा और राज्यसभा में  हुआ था पारित

महिला आरक्षण (Women’s Reservation) से संबंधित 128वां संविधान संशोधन विधेयक 21 सितंबर को राज्यसभा में पारित किया गया था। बिल के पक्ष में 214 वोट पड़े, जबकि किसी ने भी बिल के खिलाफ वोट नहीं डाला था। इससे पहले 20 सितंबर को विधेयक को लोकसभा से मंजूरी मिल गई थी। लोकसभा ने भी इस बिल को दो तिहाई बहुमत के साथ पास किया था। इसके पक्ष में 454 और विरोध में दो वोट पड़े थे।

अमल में लाने के लिए पूरी करनी होंगी ये शर्तें

राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह कानून भी बन गया है, लेकिन इसको अमल में लाने से पहले दो शर्तों को पूरा करना होगा। ये शर्तें जनगणना और परिसीमन की हैं जिन्हें पूरा करने में कई साल लग सकते हैं। नारी शक्ति वंदन कानून (Nari Shakti Vandan Law) के प्रभावी होने की दो शर्तें रखी गईं हैं। इसके मुताबिक महिला आरक्षण कानून (Women’s Reservation Law ) आगामी जनगणना के बाद लागू होगा। कानून बनने के बाद होने वाली जनगणना के बाद आरक्षण लागू करने के लिए नए सिरे से परिसीमन होगा। परिसीमन के आधार पर ही महिलाओं के लिए 33 फीसदी सीटें आरक्षित की जाएंगी।

पढ़ें :- EC : चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर लग सकती है मुहर, चयन समिति की बैठक आज
इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...