सनातन धर्म में राधा-कृष्ण की उपासना का विशेष महत्व है। राधा जिन्हें राधिका भी कहा जाता है, एक हिंदू देवी और भगवान कृष्ण की मुख्य संगिनी हैं।
Radha Ashtami 2024 Date : सनातन धर्म में राधा-कृष्ण की उपासना का विशेष महत्व है। राधा जिन्हें राधिका भी कहा जाता है, एक हिंदू देवी और भगवान कृष्ण की मुख्य संगिनी हैं। वह प्रेम, कोमलता, करुणा और भक्ति की देवी हैं। ऐसे में राधा अष्टमी के शुभ अवसर पर राधा रानी का पूजन करने से वैवाहिक जीवन में सुख, समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। साथ ही मनचाहा जीवनसाथी मिलता है। भगवान श्री कृष्ण की प्रिय राधा रानी का जन्मोत्सव भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। यानी राधाष्टमी का त्योहार कृष्ण जन्माष्टमी के 15 दिन बाद आता है।
वृषभानु कुमारी
पद्म पुराण के अनुसार राधा वृषभानु नामक वैष्य गोप की पुत्री थीं। उनकी माता का नाम कीर्ति था। राधा का पहला नाम वृषभानु कुमारी था। बरसाना राधा के पिता वृषभानु का निवास स्थान था।
राधाष्टमी
हिंदी पंचांग के अनुसार, इस साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 10 सितंबर मंगलवार को रात 11 बजकर 11 मिनट से शुरू हो रही है और इस तिथि का समापन 11 सितंबर बुधवार को रात 11 बजकर 46 मिनट पर होगा। उदयातिथि के आधार पर राधा अष्टमी का पावन पर्व 11 सितंबर को मनाया जाएगा।