रक्षाबंधन त्यौहार भाई-बहन के बीच प्यार और विश्वास के खूबसूरत बंधन का पर्व है। रक्षाबन्धन के औचित्य और महत्त्व की अलग कथा है।
Raksha Bandhan 2024 : रक्षाबंधन त्यौहार भाई-बहन के बीच प्यार और विश्वास के खूबसूरत बंधन का पर्व है। रक्षाबन्धन के औचित्य और महत्त्व की अलग कथा है। वस्तुतः ये आत्मरक्षा की व्यवस्था का दिन है, जो देवगुरु वृहस्पति द्वारा इन्द्राणी शची को दिए गए आशीष पर आधारित है। आज देश भर में धूमधाम और पूरे हर्षोल्लास के साथ रक्षाबंधन का पर्व मनाया जा रहा है।दरअसल, भद्रा काल में रक्षाबंधन मनाना अशुभ माना जाता है। इस कारण जब भी भद्रा काल पड़ता है तो बहनें शुभ मुहूर्त में ही राखी बांधती हैं।
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
पूर्णिमा तिथि का आरंभ 18 अगस्त 24 दिन रविवार रात्रि 02 बजकर 21 मिनट से आरम्भ होगी।
पूर्णिमा तिथि की समाप्ति 20 अगस्त 24 दिन मंगलवार रात्रि 12 बजकर 28 मिनट पर समाप्त होगा।
भद्रा काल का समय
रक्षाबंधन का पर्व 19 अगस्त को मनाया जायेगा। 19 अगस्त 2024 सोमवार को भद्रा दोपहर 01 बजकर 25 मिनट तक रहेगा। रक्षाबंधन दोपहर 01 बजकर 26 मिनट के बाद बहन अपने भाई के दाहिने हाथ के कलाई पर राखी बांधेगी।
राखी थाली में रखें ये सामग्री
रोली, कुमकुम, अक्षत (साबुत चावल), पीली सरसों के बीज, दीपक, राखी, नारियल, मिठाई और भाई के लिए कपड़े या रूमाल रखें।
मंत्र का उच्चारण करना चाहिए
ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः।
तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।