संस्कृति पर्व के सनातन आंदोलन की यात्रा के श्री हनुमान जी की असीम कृपा और प्रेरणा से वर्ष 2018 में शुरू हुई और 6 वर्ष पूरे हो चुके। गत प्रयाग कुंभ में ही इसके प्रथम चार अंकों का लोकार्पण श्री गंगा महाभा के मंच से सभी पूज्य शंकराचार्यों और जगद्गुरुओं के पावन कर कमलों से संपन्न हुआ था।
Sanskriti Parv 34th Visheshank Ki Prastuti : वर्ष 2018 में शुरू हुई संस्कृति पर्व के सनातन आंदोलन की यात्रा के 6 वर्ष पूरे हो चुके। गत प्रयाग कुंभ में ही इसके प्रथम चार अंकों का लोकार्पण श्री गंगामहभा के मंच से सभी पूज्य शंकराचार्यों और जगद्गुरुओं के पावन कर कमलों से संपन्न हुआ था। इस बार प्रयाग पूर्ण कुंभ के अवसर पर संस्कृति पर्व ने एक अतिविशिष्ट अंक की योजना बनाई है जिसमें कुंभ से संबंधित विशिष्ट एवं दुर्लभ सामग्री संयोजित की जा रही है।
यह जानकारी देते हुए भारत संस्कृति न्यास के अध्यक्ष तथा संस्कृति पर्व के संस्थापक संजय तिवारी ने बताया कि
इसके लिए अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री पूज्य स्वामी जीतेंद्रानंद जी सरस्वती, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष पूज्य स्वामी रविन्द्र गिरी जी, श्री काशी विद्वत्परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री आचार्य गोविंद शर्मा, महामना जी के स्थापित पुष्प श्री गंगा महासभा के साथ ही देश के ख्यातिलब्ध विद्वानों के सहयोग और परामर्श से सामग्री का चयन किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि भारत संस्कृति न्यास के एक प्रकल्प के रूप में स्थापित और संचालित संस्कृति पर्व पत्रिका के प्रधान संपादक श्री हनुमान जी ही हैं। संपादकीय संरक्षक पद्मश्री आचार्य विश्वनाथ प्रसाद तिवारी हैं। मुख्य संरक्षक श्री शिवप्रताप शुक्ल, महामहिम राज्यपाल, हिमाचल प्रदेश हैं। प्रबंध संपादक प्रख्यात समाजसेवी श्री बी के मिश्र हैं। उन्होंने कहा कि श्री हनुमान जी की कृपा और प्रेरणा से हम सभी संपादकीय परिषद के सदस्य निमित्त मात्र हैं। संस्कृति पर्व की इन 6 वर्षों की यात्रा में सामान्य अंकों के अलावा 33 विशेषांक प्रकाशित हो चुके हैं। संस्कृति पर्व के महामना अंक का लोकार्पण देश के गृहमंत्री श्री अमित शाह ने किया था। अभी अक्टूबर नवंबर के संयुक्तांक का लोकार्पण हिंदी साहित्य परिषद के 47वें अधिवेशन में बुंदेलखंड विश्व विद्यालय में किया गया जिसमें अनेक विद्वानों के साथ ही उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री की विशेष उपस्थिति रही। गत 22 जनवरी को संस्कृति पर्व ने चक्रस्थ अयोध्या के नाम से एक बहुत महत्वपूर्ण अंक का प्रकाशन किया था जिसको श्री अयोध्या जी में श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर प्रसारित किया गया।
कुंभ पर केंद्रित यह 34वाँ विशेषांक है जो शीघ्र प्रकाशित होने जा रहा है। इस अंक का मूल्य 200 रुपए है। इसकी सवा लाख प्रतियां कुंभ के लिए ही प्रकाशित करने की योजना बनाई गई है। सनातन प्रेमियों और अन्वेषकों के लिए यह अंक बहुत ही महत्वपूर्ण होने जा रहा है। कुंभ में यह विशेष अंक श्री गंगामहसभा के शिविर में उपलब्ध होगा। विक्रय के लिए यह अंक यूनिवर्सल बुक , हजरत गंज, लखनऊ में उपलब्ध होगा। अन्य जानकारी के लिए 9450887186 पर संदेश के माध्यम से संपर्क किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि इस विशेष अंक में अत्यंत शोध परक और गूढ़ जानकारी प्रस्तुत की जा रही जिसमे कुंभ की महत्ता और वैज्ञानिकता को विशेष रूप से दिया जा रहा है। यह अंक सनातन संस्कृति और आध्यात्मिक जगत के सिद्ध हस्त विद्वानों की देखरेख में तैयार किया जा रहा है। यह ऐसा अंक है जो सनातन भारत की भावी पीढ़ी के लिए अमूल्य निधि बनेगा।
(भारत संस्कृति न्यास के अध्यक्ष तथा संस्कृति पर्व के संस्थापक संजय तिवारी)