सनातनधर्म में पितृपक्ष में पितरों के आत्मा आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान,श्राद्ध करने की परंपरा है।
Sarva Pitru Amavasya 2025 : सनातनधर्म में पितृपक्ष में पितरों के आत्मा आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान,श्राद्ध करने की परंपरा है। पितृपक्ष में तिथि के अनुसार पितरों का श्राद्धकिया जाता है। पितृ पक्ष के 15 दिनों में अंतिम दिन सर्व पितृ अमावस्या महत्वपूर्ण होता है। इस दिन वो सभी लोग पितरों के लिए पिंडदान या श्राद्ध कर सकते है जिन्होने किसी कारणवश पितरों की तिथि पर पिंडदान या श्राद्ध नहीं कर पाए हो। इसी प्रकार इस दिन पितृ दोष से मुक्ति के लिए कुछ कार्य करने से पितरों की नाराजगी दूर हो सकती है और पितृगण सुख समृद्धि का आर्शीवाद प्रदान करते है।
पितृ पक्ष के आखिरी दिन जल से पितरों का तर्पण कर उन्हें तृप्त करें, पितृगण तृप्त होकर पुन: पितृ लोक लौट सकें। तर्पण में कुशा का प्रयोग अवश्य करें।
सर्व पितृ अमावस्या पर ज्ञान-अज्ञात सभी पितरों का श्राद्ध किया जाता है। आप इस दिन भूले-बिसरे सभी पितरों का श्राद्ध, पिंडदान या तर्पण कर सकते हैं। साथ ही श्रद्धापूर्वक अन्न या वस्त्र का दान भी जरूर करें।
पंचबलि कर्म
पितृपक्ष में पंचबलि कर्म को महत्वपूर्ण माना जाता है। इसमें भोजन बनाकर उसका अंश कौआ, गाय, कुत्ता आदि के निकाला जाता है।
मान्यता है कि पंचबलि कर्म का भोजन पितरों को प्राप्त होता है।