भगवान शिव की कृपा पाने के लिए भक्त गण सावन मास की शिवरात्रि का पावन त्योहार मनाते है। शिव पूजा में शिवरात्रि का अत्यधिक महत्व है। वैसे तो हर माह में मासिक शिवरात्रि भी मनाई जाती है, लेकिन सावन के महीने में आने वाली शिवरात्रि का खास महत्व है।
Sawan Shivratri 2024 : भगवान शिव की कृपा पाने के लिए भक्त गण सावन मास की शिवरात्रि का पावन त्योहार मनाते है। शिव पूजा में शिवरात्रि का अत्यधिक महत्व है। वैसे तो हर माह में मासिक शिवरात्रि भी मनाई जाती है, लेकिन सावन के महीने में आने वाली शिवरात्रि का खास महत्व है। इस बार यह त्योहार 2 अगस्त को मनाया जाएगा। पौराणिक मान्यता है कि सावन की शिवरात्रि पर व्रत करने के साथ-साथ मां पार्वती और भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व होता है। आइये जानें शिवरात्रि का व्रत कैसे करना चाहिए और इसको करने के नियम क्या हैं।
मान्यताओं के अनुसार, विवाहित महिलाएं अगर सावन शिवरात्रि का व्रत करती हैं, तो उन्हें अखंड सुहागन होने का वरदान मिलता है। इसके अलावा अविवाहित कन्याएं अगर सावन शिवरात्रि का व्रत करती हैं तो उन्हें भगवान भोलेनाथ की तरह वर का आशीर्वाद मिलता है और उनकी शादी जल्द होती है।
हिंदू पंचांग में बताया गया है कि सावन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 2 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 26 मिनट से आरंभ होगी और अगले दिन यानी कि 3 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 50 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में सावन शिवरात्रि का व्रत 2 अगस्त को रखा जाएगा। इस दिन रुद्राभिषेक करने का महत्व सबसे खास माना जाता है।
शिवरात्रि के दिन कच्चे दूध, गंगाजल, दही, शहद और घी से शिवजी का अभिषेक करें। फिर बेलपत्र, धतूरा, भांग अर्पित करें और मिठाई फल से शिवजी का भोग लगाएं। उसके बाद गाय के घी का दीपक जलाकर आरती करें और फिर शिव चालीसा का पाठ करें।