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अडानी-हिंडनबर्ग केस में SC ने बनाई एक्सपर्ट कमेटी, SEBI 2 महीने में जांच रिपोर्ट सौंपे, गौतम अडाणी बोले- सच की होगी जीत

अडानी-हिंडनबर्ग केस में जांच के लिए गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक्सपर्ट कमेटी के गठन का आदेश दिया है। कोर्ट के तरफ से बनाई गई कमेटी की अध्यक्षता रिटायर जस्टिस एएम सप्रे करेंगे। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि SEBI इस मामले में जांच जारी रखेगी और 2 महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। अडानी-हिंडनबर्ग केस में जांच के लिए गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक्सपर्ट कमेटी के गठन का आदेश दिया है। कोर्ट के तरफ से बनाई गई कमेटी की अध्यक्षता रिटायर जस्टिस एएम सप्रे करेंगे। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि SEBI इस मामले में जांच जारी रखेगी और 2 महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।

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सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सेबी ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट और मार्केट वायलेशन समेत दोनों आरोपों पर पहले से जांच कर रही है। ऐसे में सेबी की जांच जारी रहेगी। SEBI को 2 महीने में अपनी रिपोर्ट पेश करनी है।

6 सदस्यीय टीम करेगी जांच

इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट मामले में जांच के लिए 6 सदस्यीय एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी में रिटायर जस्टिस एएम सप्रे केल अलावा ओपी भट्ट, जस्टिस केपी देवदत्त, केवी कामत, एन नीलकेणी, सोमेशेखर सुंदरेशन शामिल हैं।

गौतम अडानी ने SC के फैसले का किया स्वागत

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उद्योगपति गौतम अडानी ने ट्वीट कर कहा कि अडानी ग्रुप सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता है। सत्य की जीत होगी।

जानें क्या है मामला?

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अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग ने हाल ही में गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है। हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर मार्केट में हेरफेर और अकाउंट में धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई है। हालांकि, गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप ने आरोपों को निराधार और भ्रामक बताया था। उन्होंने दावा किया कि इस रिपोर्ट में जनता को गुमराह किया गया।

सुप्रीम कोर्ट ने दिए जांच के आदेश

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में कई याचिकाएं दाखिल की गई हैं। याचिकाकर्ताओं ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर लगाए गए आरोपों की जांच की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जांच के लिए 6 सदस्यों की कमेटी का गठन किया है। अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच की मांग वाली याचिकाओं पर 17 फरवरी को CJI जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने सुनवाई की थी। कोर्ट ने सीलबंद लिफाफे में केंद्र के सुझावों को स्वीकार करने से साफ तौर पर इनकार कर दिया था और कहा था कि हम इस मामले में पूरी तरह से पारदर्शिता बनाए रखना चाहते हैं। दरअसल, सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता की ओर से केंद्र सरकार के सुझावों वाला सीलबंद लिफाफा बेंच को सौंपा गया था।

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