बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (Former Prime Minister of Bangladesh Sheikh Hasina) ने कहा कि अल्लाह ने मुझे किसी मकसद से जिंदा रखा है। उन्होंने कहा कि मैं वतन वापस लौटूंगी। वो दिन जरूर आएगा जब अवामी लीग (Awami League) के नेताओं को निशाना बनाने वालों को इंसाफ के कटघरे में लाया जाएगा।
नई दिल्ली। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (Former Prime Minister of Bangladesh Sheikh Hasina) ने कहा कि अल्लाह ने मुझे किसी मकसद से जिंदा रखा है। उन्होंने कहा कि मैं वतन वापस लौटूंगी। वो दिन जरूर आएगा जब अवामी लीग (Awami League) के नेताओं को निशाना बनाने वालों को इंसाफ के कटघरे में लाया जाएगा।
अवामी लीग की अध्यक्ष शेख हसीना (Awami League President Sheikh Hasina) ने ये बात उस वक्त कही। जब वो सोशल मीडिया पर अपने पार्टी नेताओं के परिवार वालों से बात कर रही थीं। पिछले साल अगस्त में बांग्लादेश छोड़ने के बाद से वे भारत में शरण लेकर रह रही हैं। हसीना ने बांग्लादेश सरकार (Bangladesh Government) के अंतरिम सलाहकार मोहम्मद यूनुस (Interim Advisor Mohammad Yunus) को लेकर कहा कि वो ऐसा शख्स है जिसे लोगों से कभी मोहब्बत नहीं थी। यूनुस ने गरीबों को छोटे-छोटे कर्ज ऊंची ब्याज दरों पर दिए और इस पैसे से कई देशों में ऐशोआराम की जिंदगी जी।
हसीना ने कहा कि उस वक्त हम यूनुस की चालाकी नहीं समझ पाए, इसलिए उसकी मदद करते रहे। लेकिन इससे लोगों को कोई फायदा नहीं हुआ, सिर्फ वह अमीर होता गया। बाद में उसमें सत्ता की भूख पैदा हो गई, जो आज बांग्लादेश को जला रही है।
बांग्लादेश को बनाया आतंकी देश
शेख हसीना (Sheikh Hasina) ने कहा कि पहले बांग्लादेश को विकास के मॉडल के तौर पर देखा जाता था, लेकिन अब ये आतंकी देश बन गया है। हमारे नेता और कार्यकर्ताओं को जिस तरीके से मारा जा रहा है। उसे बताया भी नहीं जा सकता है। अवामी लीग, पुलिस, वकील, पत्रकार, कलाकार सभी को मारा जा रहा है।
हसीना ने कहा कि अब तो इस देश में मीडिया को भी काम नहीं करने दिया जा रहा है। रेप, मर्डर, डकैती किसी चीज की रिपोर्ट नहीं कराई जा रहा है। और अगर इसे रिपोर्ट किया जाता है, तो उस टीवी चैनल या अखबार को टारगेट किया जाएगा।
अल्लाह ने मुझे जिंदा रखा, मैं लौटकर आऊंगी
अपने पूरे परिवार की भयानक हत्या को याद करते हुए शेख हसीना (Sheikh Hasina) ने कहा कि ‘मैंने अपने पिता, मां, भाई- सभी को एक ही दिन में खो दिया और फिर हमें देश लौटने भी नहीं दिया गया। मैं जानती हूं अपनों को खोने का दर्द क्या होता है? अल्लाह हमेशा मेरी हिफाजत करता आया है, शायद वह मुझसे कुछ अच्छा करवाना चाहता है। जिन्होंने ये जघन्य अपराध किए हैं, उन्हें सजा जरूर मिलनी चाहिए। यही मेरा वादा है।
जब एक सपोर्टर ने उनसे पूछा कि वे कैसी हैं, तो उन्होंने जवाब दिया, कि मैं जिंदा हूं। एक अन्य सपोर्टर ने कहा कि अल्लाह आपको दोबारा मौका दें। इस पर हसीना ने कहा कि अल्लाह मुझे जरूर मौका देगा। इसलिए अल्लाह ने मुझे जिंदा रखा है। मैं आ रही हूं।
आरक्षण के खिलाफ आंदोलन ने किया था तख्तापलट
शेख हसीना (Sheikh Hasina) पिछले साल 5 अगस्त को देश छोड़कर भारत आ गई थीं। दरअसल, उनके खिलाफ देशभर में छात्र प्रदर्शन कर रहे थे। बांग्लादेश में 5 जून को हाईकोर्ट ने जॉब में 30% कोटा सिस्टम लागू किया था, इस आरक्षण के खिलाफ ढाका में यूनिवर्सिटीज के स्टूडेंट्स प्रोटेस्ट कर रहे थे। यह आरक्षण स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को दिया जा रहा था।
हालांकि हसीना सरकार ने यह आरक्षण बाद में खत्म कर दिया था। लेकिन इसके बाद छात्र उनके इस्तीफे की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन करने लगे। बड़ी संख्या में छात्र और आम लोग हसीना और उनकी सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर आए। इस प्रोटेस्ट के दो महीने बाद 5 अगस्त को उन्होंने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद अंतरिम सरकार की स्थापना की गई।
तख्तापलट के बाद हसीना का पासपोर्ट रद्द, गिरफ्तारी वारंट जारी
बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद बनी यूनुस सरकार (Yunus Government) ने हसीना पर हत्या, अपहरण से लेकर देशद्रोह के 225 से ज्यादा मामले दर्ज किए हैं। वहीं, बांग्लादेशी सरकार ने चेतावनी दी है कि भारत में रहते हुए हसीना की तरफ से दिए जा रहे बयान दोनों देशों के संबंध बिगाड़ रहे हैं।
बांग्लादेश सरकार ने जुलाई में हुई हत्याओं की वजह से शेख हसीना (Sheikh Hasina) का पासपोर्ट भी रद्द कर दिया है। वहीं बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्रिमिनल ट्रिब्यूनल (International Criminal Tribunal of Bangladesh) ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। ट्रिब्यूनल ने हसीना को 12 फरवरी तक पेश होने का निर्देश दिया है। बांग्लादेश भारत से हसीना को डिपोर्ट करने की अपील भी कर चुका है। हालांकि, भारत सरकार उनका वीजा बढ़ा चुकी है, जिससे यह साफ हो गया कि उन्हें बांग्लादेश डिपोर्ट नहीं किया जाएगा।