वैदिक ज्योतिष के अनुसार ग्रह का अस्त होना बहुत महत्वपूर्ण घटना है। हर साल कुछ दिनों के लिए ग्रह आकाश में दिखाई नहीं देते क्योंकि वे सूर्य के बहुत करीब हो जाते हैं।
Shukra Asta 2024 : वैदिक ज्योतिष के अनुसार ग्रह का अस्त होना बहुत महत्वपूर्ण घटना है। हर साल कुछ दिनों के लिए ग्रह आकाश में दिखाई नहीं देते क्योंकि वे सूर्य के बहुत करीब हो जाते हैं। इन दिनों को अस्त, लोप, मौध्या और मौद्यमी के नाम से जाना जाता है। ज्योतिष के अनुसार 28 अप्रैल को शुक्र ग्रह अस्त हो जाएंगे, शुक्र अस्त की अवधि सवा दो महीने की रहेगी। ज्योतिष में शुक्र ग्रह विवाह के कारक ग्रह हैं।
शुक्र और बृहस्पति के अस्त होने के दौरान अधिकांश शुभ समारोह, विशेषकर विवाह समारोह पर रोक लग जाती है।
जब शुक्र अस्त हो जाएंगे तो कुछ राशियां ऐसी हैं जिन पर इसका असर देखने को मिलेगा। ज्योतिष के अनुसार शुक्र ग्रह सुख, प्रेम, सुंदरता और विलासिता के कारक हैं और शुक्र जब सूर्य के करीब पहुंचकर अस्त हो जाते हैं तो इनके शुभ परिणाम में कमी आ जाती है। शुक्र अस्त होने से लोगों के जीवन में असंतुष्टि की भावना बढ़ती है, सुख विलासिता में कमी आती है, प्रेम और रोमांस के संदर्भ में ज्यादा अनुकूल परिणाम नहीं मिलते।
शास्त्रों और पुराणों के अनुसार इस समय भगवान विष्णु चार माह के लिए क्षीरसागर में विश्राम करने चले जाते हैं। इस वजह से सारे शुभ कार्य विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन संस्कार चार महीने के दौरान थम जाते हैं। 12 नवंबर को देवोत्थानी एकादशी से विवाह मुहूर्त फिर से शुरू होंगे और लगातार 14 दिसंबर तक चलेंगे।