राजेन्द्र चौधरी ने अपने सम्बोधन में कहा है कि, महात्मा फुले और सावित्री बाई फूले का पूरा जीवन सामंतीतत्वों से संघर्ष, पाखंड के विरोध और समाज के शोषित, वंचित वर्ग के उत्थान तथा शिक्षा प्रसार में बीता। उन्होंने सामाजिक न्याय और समानता के लिए जो लड़ाई शुरू की समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पीडीए के माध्यम से उसे आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं।
लखनऊ। सामाजिक न्याय के सजग प्रहरी महात्मा ज्योतिबा फुले और उनकी पत्नी शिक्षाविद् सावित्री बाई फुले के जीवन संघर्ष पर आधारित फिल्म ‘फुले‘ का लुलु मॉल, लखनऊ के छविग्रह में प्रदर्शन हुआ। समाजवादी पार्टी के नेता एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र चौधरी तमाम साथियों के साथ शामिल हुए। फर्रुखाबाद लोकसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रहे डॉ0 नवल किशोर शाक्य और और प्रियंका शाक्य ने पूरा सिनेमा हाल बुक कराया था।
इस अवसर पर राजेन्द्र चौधरी ने अपने सम्बोधन में कहा है कि, महात्मा फुले और सावित्री बाई फूले का पूरा जीवन सामंतीतत्वों से संघर्ष, पाखंड के विरोध और समाज के शोषित, वंचित वर्ग के उत्थान तथा शिक्षा प्रसार में बीता। उन्होंने सामाजिक न्याय और समानता के लिए जो लड़ाई शुरू की समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पीडीए के माध्यम से उसे आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ0 राजपाल कश्यप ने कहा कि दलित पिछड़ा समाज अपने हक और सम्मान के लिए अखिलेश यादव के नेतृत्व में उठ खड़ा हुआ है।
डॉ. नवल किशोर शाक्य ने अतिथियों के स्वागत के साथ यह जानकारी दी कि ‘फुले‘ फिल्म का प्रदर्शन फर्रूखाबाद जनपद के सभी छवि ग्रहों के अतिरिक्त जनसामान्य की सुविधा के लिए प्रोजेक्टर से गांव-गांव इसका प्रदर्शन कराएंगे। उन्होंने पीडीए समाज की एकजुटता का संकल्प दुहराया।
‘फुले‘ फिल्म में 18वीं शताब्दी में दलित, पिछड़े और महिलाओं के साथ हो रहे भेदभाव तथा उत्पीड़न की सच्चाई को उजागर किया गया है। यह वह दौर था जब दलितों को मनुष्य नहीं समझा जाता था। उन्हें सामान्य मानव जीवन जीना भी सुलभ नहीं था। बच्चियों को शिक्षा से वंचित रखा जाता था। महिलाएं केवल वंशवृद्धि की मशीन थी। ज्योति फूले और सावित्री बाई फूले ने वंचित शोषित और दलित समाज में ऊंचनीच, भेदभाव के प्रति विरोध चेतना जगाई, अपने हक और सम्मान के लिए मनुवादीतत्वों के सामने निर्भीकता से खड़े होने और समाज में अपना स्थान बनाने के लिए स्वतः प्रयासशील होने पर बल दिया।
सावित्री बाई फुले और फातिमा शेख ये दो नाम हैं स्त्री शिक्षा के क्षेत्र में जिन्हें सर्वप्रथम पहल करने के लिए याद किया जाता है। उन्होंने तमाम विरोध और अपमान जनक स्थितियों का सामना करते हुए भी शिक्षा की ज्योति जगाई और हार नहीं मानी। इस अवसर पर अविनाश कुशवाहा पूर्व विधायक, अभिषेक यादव राष्ट्रीय अध्यक्ष लोहिया वाहिनी, विनीत कुशवाहा प्रदेश अध्यक्ष छात्र सभा, रीबू श्रीवास्तव प्रदेश अध्यक्ष महिला सभा, पूजा शुक्ला पूर्व प्रत्याशी, पायल किन्नर प्रदेश अध्यक्ष किन्नर सभा, मणेन्द्र मिश्रा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिक्षक सभा, मधुकर त्रिवेदी, श्याम गुप्ता, अमरजीत यादव महराजगंज, मुन्नी पाल, आदिल, श्रेया सिंह पटेल, मनोज यादव, मनोज पासवान, अवनीश यादव एडवोकेट एटा, नीतू यादव एवं डॉ0 गौरव यादव मैनपुरी, रोली, अकरम, राजेंद्र लोधी, सुहागवती, पंकज कश्यप, मन्जू रजनीश, प्रतीक, कुमुदिनी, मालती, शीला साहनी, ममता, अंकिता, अनीता शर्मा, रमित रंजन, कृष्ण कुमार, अर्पित, नेहा कुशवाहा सहित अन्य प्रमुख लोग भी उपस्थित रहे।