सपा MLA इरफान सोलंकी को आगजनी मामले में सात साल की सजा, कानपुर की सीसामऊ सीट पर उपचुनाव तय
पर्दाफाश न्यूज़ ब्यूरो महराजगंज :: कानपुर की सीसामऊ सीट से सपा विधायक इरफान सोलंकी को शुक्रवार को तगड़ा झटका लगा है। कानपुर की एमपीएमएलए कोर्ट ने इरफान सोलंकी को आगजनी के मामले में सात साल की सजा सुनाई है। इरफान के साथ ही उनके भाई रिजवान समेत पांच लोगों को अदालत ने दोषी माना था। विधायक और उनके भाई पर 30,500 और अन्य तीन आरोपितों पर 29,500 का अर्थदंड लगाया है। 349 पन्ने के फैसले में कोर्ट ने 21 गवाहों की गवाही को महत्वपूर्ण तथ्य माना। बचाव पक्ष अब हाईकोर्ट में अपील करेगा। दो साल से ज्यादा की सजा होने की वजह से इरफान की विधायकी जाना तय है। महराजगंज जेल में वीडियो क्रॉन्फ्रेंसिंग से पेशी के दौरान फैसला सुन इरफान मायूस हो गए। इरफान की सीट खाली होने के साथ ही यूपी की नौ सीटों पर उपचुनाव तय हो गया है। आठ सीटों के विधायक लोकसभा चुनाव में सासंद बन चुके हैं। फैसला आने के बाद इरफान के वकील ने कहा कि वह हाईकोर्ट में अपील करेंगे।
डिफेंस कॉलोनी जाजमऊ में 7 नवम्बर 2022 को नजीर फातिमा के घर में आगजनी हुई थी। इस मामले में पहले पीड़िता ने विधायक इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। विवेचना में शौकत अली, इसराइल आटेवाला और मोहम्मद शरीफ का नाम शामिल किया गया था। पुलिस ने पहले विधायक और उनके भाई उसके बाद अन्य तीन के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट भेजी थी।
10 बार फैसला टलने के बाद कोर्ट ने पांचों आरोपितों को 3 जून 2024 को दोषी पाया था। शुक्रवार दोपहर तीन बजे सजा के बिन्दुओं पर अभियोजन और बचाव पक्ष की दलील कोर्ट ने सुनी। फिर कोर्ट ने शाम पौने सात बजे विधायक समेत पांचों आरोपितों को सजा सुना दी। इससे पहले कचहरी परिसर में पुलिस की तरफ से कड़ा सुरक्षा घेरा बनाया गया। विधायक समेत पांचों आरोपितों के परिजनों को कोर्ट परिसर के आसपास फटकने तक नहीं दिया गया।
हम दोनों भाई बेगुनाह हैं: रिजवान
कोर्ट से जेल जाते वक्त रिजवान सोलंकी ने कहा कि हम दोनों भाई बेगुनाह हैं। सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश के साथ हैं और उनके साथ ही रहेंगे। फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे। गलत तरीके से विधायकी ली गई है। इसको दोबारा हासिल करेंगे। वहीं, डीजीसी क्रिमिनल दिलीप अवस्थी के अनुसार विधायक समेत पांचों आरोपितों को सात साल की सजा हुई है। फिलहाल निर्णय की प्रति अभी नहीं मिल सकी है। प्रति मिलते ही उसकी कॉपी शासन और विधानसभा को भेजी जाएगी।