प्रयागराज में महाकुंभ भगदड़ में हुई मौत मामले को लेकर समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव (SP MP Ram Gopal Yadav) ने यूपी सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि "जब 1954 में बड़ी भगदड़ हुई थी, तो पहले ही दिन देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू (Prime Minister Pandit Jawaharlal Nehru) ने सदन में कहा था कि 400 लोग मारे गए हैं और 2000 घायल हुए हैं।
नई दिल्ली। प्रयागराज में महाकुंभ भगदड़ में हुई मौत मामले को लेकर समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव (SP MP Ram Gopal Yadav) ने यूपी सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि “जब 1954 में बड़ी भगदड़ हुई थी, तो पहले ही दिन देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू (Prime Minister Pandit Jawaharlal Nehru) ने सदन में कहा था कि 400 लोग मारे गए हैं और 2000 घायल हुए हैं। उसके बाद सरकार ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में लोग आते हैं, बिना चिट्ठी दिए, बिना विज्ञापन दिए, इसलिए कोई वीआईपी नहीं जाना चाहिए जिससे लोगों को असुविधा हो।
सांसद राम गोपाल यादव (MP Ram Gopal Yadav) ने कहा कि लेकिन हमारे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) वहां रोज होते हैं, सारे अधिकारी वहां व्यस्त रहते हैं कि वीआईपी लेन अच्छी होनी चाहिए और उन्हें वहां जाने वाले आम लोगों की चिंता नहीं है, चाहे वे डूब जाएं या मर जाएं। उन्होंने कहा कि 15,000 लोग कह रहे हैं कि उनके परिवार के लोग नहीं मिल रहे हैं, सरकार कोई जानकारी नहीं दे रही है।
उन्होंने कहा कि ‘प्रशासनिक लापरवाही हुई है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की देखरेख में जो पुल बनाए गए थे, उन्हें बंद कर दिया गया। केवल अखाड़ों और वीवीआईपी (VVIP) के लिए छोड़ा गया था, जिसकी वजह से यह दुर्घटना हुई। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि वहां हजारों लोग मारे गए। कुछ लोग गंगा में बहा दिए गए, कुछ लोगों को दबा दिया गया। संख्या 30 से ऊपर न जाने पाए, मुख्यमंत्री की ओर से अधिकारियों को यह आदेश है।’
रामगोपाल यादव (Ram Gopal Yadav) ने आरोप लगाया कि लोगों को लाशें नहीं दी जा रही हैं। पोस्टमार्टम नहीं करवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ’15 से 20 हजार रुपये देकर कहा जा रहा है कि पैसे लो और घर जाओ, ताकि ये सब संख्या में न आने पाए। इतनी गंभीर लापरवाही हुई है। इसके बावजूद, किसी अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई, किसी की जिम्मेदारी तय नहीं हुई।’ सपा सांसद (SP MP) ने कहा कि अगर हम लोग यह मामला यहां उठाना चाहते हैं तो यहां बैठे हुए लोग सर्टिफिकेट देकर आ जाते हैं। विपक्ष के कई सांसदों ने इसे लेकर नोटिस दिया था। मगर, किसी की नोटिस पर कोई सुनवाई नहीं हुई। नोटिस रद्द करने का कारण भी नहीं बताया गया।