अपनी जनता पार्टी (Apni Janata Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) प्रभु श्रीराम नगरी अयोध्या में मंगलवार को पहुंचे थे। इस दौरान स्वामी प्रसाद मौर्य ने ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस ऑपरेशन से जो उम्मीदें थीं, वे पूरी नहीं हुईं।
अयोध्या। अपनी जनता पार्टी (Apni Janata Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) प्रभु श्रीराम नगरी अयोध्या में मंगलवार को पहुंचे थे। इस दौरान स्वामी प्रसाद मौर्य ने ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस ऑपरेशन से जो उम्मीदें थीं, वे पूरी नहीं हुईं। पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने तंज कसते हुए कहा कि जब ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) चला, तो बहुत खुशी हुई कि देर से ही सही, केंद्र की मोदी सरकार ने आतंकवादियों पर कार्रवाई का फैसला लिया। सोचा था कि अब आतंकवाद का खात्मा होगा, लेकिन 24 घंटे के अंदर ही सब कुछ टांय-टांय फुस्स हो गया। ना कोई आतंकवादी मारा गया, न कोई ठोस कार्रवाई देखने को मिली।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने उठाए सवाल
अपनी जनता पार्टी (Apni Janata Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने दावा किया कि सरकार ने इस ऑपरेशन के नाम पर बहनों के सम्मान के साथ धोखा किया है। इस दौरान स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने सवाल उठाया कि ऐसी क्या मजबूरी थी कि सरकार को 24 घंटे के अंदर बैकफुट पर आना पड़ा। अगर सच में आतंकवादियों के खिलाफ अभियान था, तो उन्हें खत्म किए बिना युद्धविराम क्यों हुआ?
सरकार ने देश को किया गुमराह
स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि इस सरकार ने न सिर्फ बहनों की आंखों में धूल झोंकी है, बल्कि पूरे देश को गुमराह किया है। यही भारतीय जनता पार्टी (BJP) का असली चेहरा है। धोखा, भ्रम और नाटक अब हम इसे जनता के सामने बेनकाब करेंगे। वहीं स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने संविधान पर भी चिंता जताते हुए कहा कि यदि भाजपा को 400 सीटें मिल गई होतीं, तो आज देश का संविधान ही बदल दिया गया होता। संविधान का सम्मान जरूरी है और उसकी रक्षा के लिए हम आखिरी दम तक लड़ेंगे। वहीं स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान से साफ है कि विपक्षी दल आने वाले समय में ऑपरेशन सिंदूर को चुनावी मुद्दा बना सकते हैं।