गर्मियों में खान पान का खास ख्याल रखने की जरुरत होती है। इस मौसम में बहुत अधिक देर का रखा खाना सेहत बिगाड़ सकता है। क्योंकि गर्मियों में खाने पीने की चीजें जल्दी खराब हो जाती है। ऐसे में जरा सी लापरवाही फूड पॉइजनिंग का शिकार बना सकते है। फूड पॉइजनिंग संक्रमित और खराब खाना खाने की वजह से होता है जो पाचन पर असर डालता है।
गर्मियों में खान पान का खास ख्याल रखने की जरुरत होती है। इस मौसम में बहुत अधिक देर का रखा खाना सेहत बिगाड़ सकता है। क्योंकि गर्मियों में खाने पीने की चीजें जल्दी खराब हो जाती है। ऐसे में जरा सी लापरवाही फूड पॉइजनिंग का शिकार बना सकते है। फूड पॉइजनिंग संक्रमित और खराब खाना खाने की वजह से होता है जो पाचन पर असर डालता है।
फूड पॉइजनिंग होने पर मरीज को उल्टी, दस्त, पेट दर्द जैसी परेशानियां होने लगती है. गर्मी में तापमान अधिक होने की वजह से खाना जल्दी खराब होता है और यही कारण है कि इस मौसम में फूड पॉइजनिंग के केस तेजी से बढ़ते है।
फूड पॉइजनिंग होने पर शरीर में दिखते है ये लक्षण
संक्रमित या खराब खाना खाने पर दो से छह घंटे के अंदर फूड पॉइजनिंग के लक्षण शरीर में नजर आने लगते है। जिसमें से फूड पॉइजनिंग होने पर पेट दर्द या ऐंठन, उल्टी, दस्त, जी मिचलाना, बुखार, थकान कमजोरी, सिर दर्द, और डिहाइड्रेशन की दिक्कत होने लगती है।
फूड पॉइजनिंग से बचने के उपाय
फूड पॉइजनिंग से बचने के लिए हमेशा ताजा और साफ खाना खाएं। बहुत अधिक देर का, बासी और खुला रखा खाना खाने से बचें। खाने को ठंडी जगह या फ्रिज में रखें। बाहर का कटा फ्रूट या खुले में रखा फूड न खाएं। हमेशा साफ पानी पीएं। पानी को उबालकर या फिल्टर करके ही पिएं।
खाना बनाने से पहले और खाने से पहले हाथों को अच्छी तरह साफ करना और धोना न भूलें। बाजार में मिलने वाले नॉन-वेज आइटम्स को पूरी तरह पकाकर ही खाएं । फ्रिज में रखा खाना दोबारा गर्म करके ही खाएं।
फूड पॉइजनिंग के घरेलू इलाज
अगर आपको शरीर में फूड पॉइजनिंग के शुरुआती लक्षण नजर आ रहे हैं तो आप कुछ घरेलू उपायों से राहत पा सकते हैं।
1. ORS या नमक-शक्कर का घोल: डिहाइड्रेशन से बचने के लिए ORS पिएं। घर में नमक और शक्कर का घोल बनाकर भी पी सकते हैं।
2. नींबू पानी और नारियल पानी: ये शरीर को तुरंत एनर्जी देते हैं और पानी की कमी पूरी करते हैं।
3. सादा खाना खाएं: उबला हुआ चावल, खिचड़ी या दाल जैसे हल्के और सुपाच्य भोजन लें।
4. अदरक और पुदीना का सेवन: अदरक की चाय या पुदीना पानी से उल्टी और जी मिचलाने में आराम मिलता है।
5. छाछ या दही: ये पेट के बैक्टीरिया को संतुलित रखते हैं और पाचन में मदद करते हैं।