1. हिन्दी समाचार
  2. यात्रा
  3. Temple Wedding Trend 2026 :  मंदिर में शादी का ट्रेंड पकड़ रहा जोर , परंपरा और सुगमता का एक आदर्श मिश्रण

Temple Wedding Trend 2026 :  मंदिर में शादी का ट्रेंड पकड़ रहा जोर , परंपरा और सुगमता का एक आदर्श मिश्रण

शादी को लेकर कपल्स के सपने होते है। कपल्स शादी में भगवान का आर्शीवाद पाना चाहते है। भारतीय परंपरा में शादी को पवित्र बंधन माना जाता है।

By अनूप कुमार 
Updated Date

Temple Wedding Trend 2026 :  शादी को लेकर कपल्स के सपने होते है। कपल्स शादी में भगवान का आर्शीवाद पाना चाहते है। भारतीय परंपरा में शादी को पवित्र बंधन माना जाता है। इन दिनों मंदिर में शादी करने से Temple Wedding आने वाले साल का वेडिंग का सबसे बड़ा ट्रेंड बन गया है। यह परंपरा और सुगमता का एक आदर्श मिश्रण भी है। मंदिर में विवाह अब केवल एक वैकल्पिक समारोह नहीं रह गया है। कई आधुनिक जोड़ों के लिए, यह पूर्वजों का सम्मान करने, संस्कृति का जश्न मनाने और दिव्य आशीर्वाद के साथ वैवाहिक जीवन की शुरुआत करने का एक तरीका बन गया है।

पढ़ें :- IndiGo Crisis : आपदा में अवसर, हवाई किराए ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, पटना-मुंबई का टिकट 60 हजार के पार

सेलिब्रिटी कपल्स पहले से  मंदिर में शादी कर रहे है।  तो सोशल मीडिया पर वायरल मंदिर वेडिंग तस्वीरों ने इस ट्रेंड को और लोकप्रिय किया है। वहीं वेडिंग इंडस्ट्री भी अब Minimal and Intimate Wedding Packages तैयार कर रही है। मंदिर में होने वाली शादियाँ बिना किसी भारी कीमत के भव्यता प्रदान करती हैं। सजावट न्यूनतम होती है, लेकिन माहौल शाही होता है।

मंडप
ग्लैमर की दुनिया में कई कपल्स ने आध्यात्मिक शादी को चुना है। साउथ और बॉलीवुड की लोकप्रिय जोड़ी अदिति राव हैदरी और सिद्धार्थ ने तेलंगाना के 400 साल पुराने रंगनायक स्वामी मंदिर में शादी की थी। इशिता दत्ता और वत्सल सेठ ने जुहू के इस्कॉन मंदिर में सात फेरे लिए थे। 2018 में नेहा धूपिया और अंगद बेदी ने गुरुद्वारे में सिंपल वेडिंग कर सबको चौंका दिया था। वहीं नागा चैतन्य और शोभिता धूलिपाला की शादी में मंदिर जैसा मंडप तैयार किया गया था।

आध्यात्मिक माहौल
वेडिंग प्लानरों के अनुसार- आज कपल्स शादी को अपने पर्सनल मोमेंट की तरह देख रहे हैं। उन्हें बस दूल्हा-दुल्हन और करीबी लोग चाहिए—भीड़ नहीं। साथ ही मंदिरों में मिलने वाला आध्यात्मिक माहौल भी इस ट्रेंड को बढ़ाने लगा है।

महाराष्ट्र
त्र्यंबकेश्वर मंदिर
महाराष्ट्र के मंदिर परंपरा और सुगमता का एक आदर्श मिश्रण प्रस्तुत करते हैं। नासिक का त्र्यंबकेश्वर मंदिर वैदिक परंपराओं से जुड़े प्रतीकात्मक अनुष्ठानों के लिए एक पसंदीदा स्थल बना हुआ है।
गणपतिपुले मंदिर
समुद्र तट पर स्थित गणपतिपुले मंदिर शांत वातावरण चाहने वाले जोड़ों को आकर्षित करता है, जबकि जेजुरी खंडोबा मंदिर महाराष्ट्रीयन परिवारों के लिए शुभ माना जाता है।
महालक्ष्मी मंदिर
कोल्हापुर के भीमाशंकर और महालक्ष्मी मंदिर भी सख्त दिशानिर्देशों के तहत प्रतीकात्मक विवाह या विवाह-पूर्व अनुष्ठान आयोजित करते हैं। पुणे-कोल्हापुर-नासिक विवाह स्थल अपनी सुविधा और समृद्ध सांस्कृतिक परिवेश के कारण लोकप्रिय बने हुए हैं।

पढ़ें :- Tourism in winter : दुनिया भर के सैलानियों को आकर्षित करता है गुलमर्ग, पर्यटकों के लिए स्वर्ग है

गुजरात
मोढेरा सूर्य मंदिर
सोमनाथ मंदिर, द्वारकाधीश मंदिर और मनमोहक मोढेरा सूर्य मंदिर गुजरात के सबसे ज़्यादा देखे जाने वाले स्थलों में से हैं। शक्तिपीठ का आशीर्वाद पाने वाले जोड़ों के बीच अंबाजी मंदिर आध्यात्मिक रूप से एक पसंदीदा मंदिर बना हुआ है। इन मंदिरों के आसपास गुजरात के सुसंबद्ध आतिथ्य ढाँचे ने इसे एक उभरता हुआ विवाह स्थल बना दिया है।
मीनाक्षी मंदिर, मदुरै
द्रविड़ वास्तुकला की एक उत्कृष्ट कृति। दक्षिण भारतीय संस्कृति और भव्यता से ओतप्रोत विवाह समारोहों के लिए आदर्श।
दुर्गियाना मंदिर
जालंधर स्थित दुर्गियाना मंदिर और ऐतिहासिक देवी तालाब मंदिर पवित्र वातावरण प्रदान करते हैं। लुधियाना और अमृतसर के इस्कॉन मंदिरों को वैष्णव रीति-रिवाजों के लिए तेज़ी से चुना जा रहा है।
काली माता मंदिर
पटियाला और लुधियाना के आसपास के काली माता मंदिर और शिव मंदिर पारंपरिक पंजाबी रीति-रिवाजों के साथ प्रतीकात्मक अनुष्ठानों की अनुमति देते हैं।

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...