मुरादाबाद। जिला जेल प्रशासन की घोर लापरवाही सामने आई है। जेल में बंदी की मौत में बड़ा खुलासा हुआ है। जेल प्रशासन ने बाथरूम में गिरने से बंदी की मौत नहीं हुई थी, बल्कि फंदे से लटकने से हुई थी। यह खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद हुआ है। जांच के बाद एक बंदी रक्षक को निलंबित कर दिया गया है।
मुरादाबाद। जिला जेल प्रशासन की घोर लापरवाही सामने आई है। जेल में बंदी की मौत में बड़ा खुलासा हुआ है। जेल प्रशासन ने बाथरूम में गिरने से बंदी की मौत नहीं हुई थी, बल्कि फंदे से लटकने से हुई थी। यह खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद हुआ है। जांच के बाद एक बंदी रक्षक को निलंबित कर दिया गया है।
जेल अधीक्षक आलोक सिंह ने बताया कि आसे उर्फ आशराम के पैर में गोली लगी थी जिस कारण वह छड़ी के सहारे चलता था। मुरादाबाद जिले की बिलारी थाने की पुलिस ने उसे 27 अक्तूबर 2024 को दो नाबालिग बहनों के अपहरण और एक बहन से दुष्कर्म के मामले में मुठभेड़ के बाद जेल भेज दिया था। वह बीमारी के चलते जेल अस्पताल में बंदी रक्षक संजय मिश्रा की निगरानी में था। उनका कहना है कि बुधवार की शाम करीब चार बजे वह शौचालय गया था। उसने गले में पड़े गमछे को फंदा बना लिया और शौचालय के रोशनदान से लटक गया था। अन्य बंदियों ने उसे लटका देखकर शोर मचा दिया। उसे जेल के अस्पताल में भर्ती कराया गया वहां से जिला अस्पताल भेजा गया लेकिन चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। बंदी के परिजनों ने हत्या का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। शासन ने इस मामले में डीआईजी जेल कुंतल किशोर को जांच के आदेश दिए। डीआईजी जेल ने बुधवार को जेल पहुंचकर जांच की। उधर सिविल लाइंस थाने की पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में लटकने से मौत होने की पुष्टि हुई है। जेल अधीक्षक आलोक सिंह ने बताया कि बंदी रक्षक संजय मिश्रा को निलंबित किया गया है। पूरे मामले की जांच की जा रही है।