बसपा विधायक उमाशंकर सिंह ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखकर इसके बारे में जानकारी दी है। उन्होंने लिखा कि, जनपद बलिया में उद्योग के नाम पर रसड़ा में स्थित एकमात्र चीनी मिल जिसे पूर्ववर्ती सरकार में बंद कर दिया गया था, चीनी मिल के बंद हो जाने से किसान भाइयों को अपने गन्ना की फसल को बलिया से दूर 70 से 80 किलोमीटर की लम्बी दूरी तय कर दूसरे जनपद आजमगढ़ के घोसी चीनी मिल ले जाने की समस्या का सामना करना पड़ता है।
लखनऊ। बलिया के रसड़ा में स्थित चीनी मिल एक बार फिर से चालू होगी। पूर्ववर्ती सरकार में बंद इस चीनी मिल को चालू करने के लिए बसपा विधायक उमाशंकर सिंह लगातार आवाज उठा रहे थे। अब इसी चीनी मिल को चालू करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हरी झंडी दे दी है। इस पर उमाशंकर सिंह ने कहा, यह पहल विकास की एक नई धारा को जन्म देगी और ‘आत्मनिर्भर बलिया’ की दिशा में एक ठोस कदम साबित होगी।
बसपा विधायक उमाशंकर सिंह ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखकर इसके बारे में जानकारी दी है। उन्होंने लिखा कि, जनपद बलिया में उद्योग के नाम पर रसड़ा में स्थित एकमात्र चीनी मिल जिसे पूर्ववर्ती सरकार में बंद कर दिया गया था, चीनी मिल के बंद हो जाने से किसान भाइयों को अपने गन्ना की फसल को बलिया से दूर 70 से 80 किलोमीटर की लम्बी दूरी तय कर दूसरे जनपद आजमगढ़ के घोसी चीनी मिल ले जाने की समस्या का सामना करना पड़ता है। इस समस्या को मैं हमेशा विधानसभा में गंभीरता पूर्वक उठाता रहा हूं जब समाजवादी पार्टी की सरकार थी तब भी हमेशा विधानसभा में उठाता रहता था और फिर जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के प्रथम कार्यकाल की सरकार बनी तब भी विधानसभा की कार्यवाही के दौरान सदन में गंभीरता पूर्वक उठाकर चीनी मिल के पुनः शुरू कराने की मांग की थी।
उन्होंने आगे लिखा, मैं आभारी हूं कि जब मैं पुनः अपनी इस मांग को मुख्यमंत्री जी से मिलकर आग्रह किया तो उस हमारे आग्रह पर किसान भाइयों को बड़ी राहत पहुंचाने हेतु मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने पुनः संचालित करने का आदेश जारी किया, मुझे विश्वास है कि शीघ्र ही यह चीनी मिल पुनः संचालित होगी। लोकहित के इस फैसलें के लिये मैं अपने रसड़ा विधानसभा सहित समस्त जनपदवासियों की तरफ़ से मुख्यमंत्री जी का सहृदय धन्यवाद एवं आभार प्रकट करता हूं।
यह मिल न केवल बलिया जनपद के आर्थिक विकास में मील का पत्थर सिद्ध होगी, बल्कि इसके संचालन से आस-पास के जनपदों के किसानों को भी प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। उनके लिए नये अवसर और संभावनाओं के द्वार खुलेंगे। यह पहल विकास की एक नई धारा को जन्म देगी और ‘आत्मनिर्भर बलिया’ की दिशा में एक ठोस कदम साबित होगी।