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महराजगंज में जिला अस्पताल में कार्डियो व न्यूरो के इलाज का इंतजाम नहीं

जिला अस्पताल में कार्डियो व न्यूरो के इलाज का इंतजाम नहीं

By विजय चौरसिया 
Updated Date

पर्दाफाश न्यूज़ ब्यूरो महराजगंज :: ट्रामा सेंटर, सेंट्रल पैथालॉजी, डायलिसिस आदि इलाज की हाईटेक व्यवस्था से लैस जिला संयुक्त अस्पताल में कार्डियो व न्यूरो से संबंधित रोगों के इलाज के लिए एक भी विशेषज्ञ चिकित्सक तैनात नहीं है। जिला अस्पताल की ईजीसी रिपोर्ट पर गौर करें तो हर दिन 20 से 25 रोगी जांच कराने पहुंच रहे हैं। हृदय से संबंधित गतिविधि में निगेटिव रिपोर्ट मिलने के बाद फिजियशन चिकित्सक मरीजों को विशेषज्ञ से उपचार कराने की सलाह दे रहे हैं। जिला अस्पताल समेत सीएचसी-पीएचसी में एक भी सरकारी कार्डियोलाजिस्ट की तैनाती नहीं होने से मरीज गोरखपुर, लखनऊ व दिल्ली की तरफ रूख करने को विवश हैं।

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जिला संयुक्त चिकित्सा में कुल दो सौ बेड हैं। इसमें महिला अस्पताल का सौ बेड भी शामिल है। रोगियों के चिकित्सा इंतजाम के लिए 44 चिकित्सकों का पद सृजित है। पर, इसके सापेक्ष नेत्र, सर्जन, फिजिशियन, बाल रोग विशेषज्ञ, स्त्रीरोग विशेषज्ञ, छाती विशेषज्ञ समेत 26 चिकित्सक की ही नियुक्ति है। जिला अस्पताल के ओपीडी में एक हजार की संख्या में औसतन मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। पर, हृदय व न्यूरो संबंधी रोग से पीड़ित मरीजों के लिए विशेषज्ञ चिकित्सक की तैनाती नहीं होने से मरीज व उनके तीमारदार परेशान रहते हैं। आए दिन जिले में हर्ट अटैक की घटनाएं सामने आ रही हैं। इसमें से कई लोगों की जान भी चली जा रही है।

तीन शिफ्ट में डायलिसिस, मरीजों की संख्या बढ़ी

जिला अस्पताल में डायलिसिस की सुविधा मिलने के बाद यहां रोगियों की संख्या बढ़ रही है। हर दिन 45 से 46 मरीज डायलिसिस कराने पहुंच रहे हैं। इस वजह से तीन शिफ्ट में डायलिसिस की सुविधा मुहैया कराई जा रही है। आईसीयू, एसएनसीयू, ट्रामा सेंटर व सीनियर सिटीजन वार्ड में कुल मिला कर 53 वेंटिलेटर है, लेकिन इसमें से सीनियर सिटीजन वार्ड का ही पांच वेंटिलेटर पोर्टेबल है। जिन्हें एक जगह से दूसरे जगह उपचार के लिए ले जाया जा सकता है। एसएनसीयू वार्ड में 32 वेंटिलेटर हैं। इसमें से 28 दिन तक के नवजात शिशु भर्ती किए जाते हैं। इस वार्ड के सहारे कई प्राइवेट अस्पताल भी निर्भर हैं। जन्म के बाद शिशुओं की तबियत खराब होने पर प्राइवेट अस्पताल के संचालक जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में ही भर्ती कराते हैं। पीकू वार्ड में 15 वेंटिलेटर है। जहां 12 साल उम्र तक के बच्चे भर्ती किए जाते हैं। इससे उपर व सीनियर सिटीजन से नीचे उम्र वाले मरीजों के इलाज के लिए वेंटिलेटर की सुविधा भाग्य भरोसे ही है।

डॉ.एपी भार्गव-सीएमएस ने बताया शासन के निर्देश पर मरीजों की सभी चिकित्सीय सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। बाल रोग, स्त्रीरोग, शल्य चिकित्सा, नेत्र सर्जन के अलावा कई डिपार्टमेंट में विशेषज्ञ चिकित्सक हैं। केवल कार्डियोलाजिस्ट व न्यूरोजिस्ट नहीं हैं। इनसे जुड़े रोगियों का उपचार अन्य चिकित्सक करते हैं। पूरी कोशिश है कि मरीजों के उपचार का सभी सुविधा कैम्पस के अंदर मिल सके।

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