प्रियंका गांधी आज गुरुवार को केर की वायनाड लोकसभा सीट से उपचुनाव जीतने के बाद लोकसभा की सदस्यता लेने पहली बार संसद पहुंची। इस दौरान उन्होंने लाइट कलर की गोल्डन बॉर्डर वाली साड़ी पहनी थी। क्या आप जानते है इस साड़ी की क्या खासियत है।
प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi ) आज गुरुवार को केर की वायनाड लोकसभा सीट से उपचुनाव जीतने के बाद लोकसभा की सदस्यता लेने पहली बार संसद पहुंची। इस दौरान उन्होंने लाइट कलर की गोल्डन बॉर्डर वाली साड़ी पहनी थी। क्या आप जानते है इस साड़ी की क्या खासियत है।
प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi ) ने जो साड़ी पहनी थी वो असल में केरल की साड़ी है और यहीं बनती है। प्रियंका वायनाड की सांसद (Priyanka Wayanad MP) है इसलिए उन्होंने इस साड़ी का चुनाव किया था। ये साड़ी असल में केरल की कसाव साड़ी कहते है। केरल में इस साड़ी को कसाव साड़ी के नाम से जाना जाता है। कसावु शब्द का अर्थ जरी जो कि पांपरिक रुप से बढ़िया सोने या चांदी से बने धागा है,जिसका इस्तेमाल इस साड़ी का बॉर्डर बनाने में किया जाता है।
कसावु साड़ी को बनाने में लगभग पांच दिन लगते है जबकि बहुत सुंदर साड़ी बनाने में तीन महीने तक लग जाते है। इस साड़ी को बनाने के लिए हाथ से काते गए सूत को लंबी बुनाई कई प्रक्रिया को पार करना होता है। एक बार सूत तैयार हो जाता है, तो इसे पानी में भियोगा जाता है और दबाव डालकर आमतौर पर पैरों से मारकर ढाला जाता है।इस प्रक्रिया से गंदगी हटाकर उसे मुलायम बनाती है।
फिर धागे को मोड़कर खींचा जाता है। सूत को करघे पर रखने से पहले, मजबूती सुनिश्चित करने के लिए उसे स्टार्च किया जाता है। फिर सुखाया जाता है। आखिर में सूत के करघे में डाला जाता है और फिर साड़ी तैयार की जाती है।