Tower Installation Fraud: देश के विभिन हिस्सों में आएदिन फ्रॉड के मामले सामने आते रहते हैं, जिसमें अपराधी भोले-भाले लोगों को ठगने के लिए अलग-अलग तरीके आजमाते रहते हैं। इसी कड़ी में ठगों ने मोबाइल टावर इंस्टॉलेशन (Mobile Tower Installation) के नाम पर ठगी का नया तरीका निकाल लिया है। जिसमें फंसकर लोग अपनी जमा-पूंजी गंवा बैठते हैं।
Tower Installation Fraud: देश के विभिन हिस्सों में आएदिन फ्रॉड के मामले सामने आते रहते हैं, जिसमें अपराधी भोले-भाले लोगों को ठगने के लिए अलग-अलग तरीके आजमाते रहते हैं। इसी कड़ी में ठगों ने मोबाइल टावर इंस्टॉलेशन (Mobile Tower Installation) के नाम पर ठगी का नया तरीका निकाल लिया है। जिसमें फंसकर लोग अपनी जमा-पूंजी गंवा बैठते हैं।
दरअसल, लोगों इन दिनों उनके घरों की छत पर, खेत में या खाली जमीन पर मोबाइल टावर इंस्टॉल (Mobile Tower Installation Fraud) करने का ऑफर दिया जा रहा है। जिसमें हर महीने किराया और कई दूसरे बेनिफिट का लालच दिया जाता है और बहुत से लोग ठगों के जाल में फंसकर उनके बताए अनुसार, अपने निजी डॉक्युमेंट शेयर कर देते हैं। यहां तक कि कुछ लोग तो रजिस्ट्रेशन शुल्क के नाम पर पैसे भी ट्रांसफर कर देते हैं। जिसके चलते उन्हें बाद में पछताना पड़ता है। ऐसे में सावधान रहने की जरूरत है।
इन बातों का रखें ध्यान
1- टावर इंस्टॉलेशन के नाम पर आए कॉल पर भरोसा न करें।
2- अपनी जगह की डिटेल और पर्सनल जानकारी शेयर न करें।
3- टावर इंस्टॉलेशन के नाम पर कॉल आता है तो पुलिस में शिकायत दर्ज करवाएं।
4- किसी भी तरह की NOC पर भरोसा न करें, क्योंकि ठग फ्रॉड करने वाले फर्जी एनओसी भी देते हैं। जबकि असल में ऐसा कुछ नहीं होता।
5- ट्राई या टेलीकॉम डिपार्टमेंट के नाम पर आ रहे कॉल को ब्लॉक करें।
बता दें कि भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) मोबाइल टावर इंस्टॉल के नाम पर हो रही ठगी को लेकर काफी सख्त है। ट्राई टावर इंस्टॉलेशन में किसी भी तरह की भूमिका नहीं निभाता। इसके अलावा, टावर लगवाने के लिए ट्राई किसी भी तरह का एनओसी नहीं देता है। टावर इंस्टॉलेशन से संबधित नियम ट्राई की वेबसाइट पर बताए गए हैं।