साउथेम्प्टन रोजगार न्यायाधिकरण (Southampton Employment Tribunal) ने पोर्ट्समाउथ विश्वविद्यालय (University of Portsmouth) को एक भारतीय महिला काजल शर्मा के साथ नस्लीय भेदभाव के मामले में 450,000 पाउंड (4.70 करोड़ रुपए) रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया ।
UK Doctor Kajal Sharma : साउथेम्प्टन रोजगार न्यायाधिकरण (Southampton Employment Tribunal) ने पोर्ट्समाउथ विश्वविद्यालय (University of Portsmouth) को एक भारतीय महिला काजल शर्मा के साथ नस्लीय भेदभाव के मामले में 450,000 पाउंड (4.70 करोड़ रुपए) रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया । ट्रिब्यूनल ने पाया कि काजल शर्मा के साथ पोर्ट्समाउथ विश्वविद्यालय में उनके लाइन मैनेजर प्रोफेसर गैरी रीस ने नस्लीय भेदभाव किया था। क्योंकि वह बिना किसी स्पष्ट कारण के पांच साल तक नौकरी करने के बाद उन्हें उसी भूमिका में फिर से नियुक्त करने में विफल रहे और बिना किसी कारण के एक श्वेत महिला को भर्ती कर लिया।
ट्रिब्यूनल ने कहा डॉक्टर काजल शर्मा (Doctor Kajal Sharma) के कौशल और क्षमताओं और आकांक्षाओं को पहचानने में उनकी अनिच्छा और श्वेत कर्मचारियों को समर्थन और प्रोत्साहित प्रोफेसर के पूर्वाग्रह की ओर इशारा करती है। इस पूर्वाग्रह (prejudice) का मतलब उसे फिर से नियुक्त ना करना एक नस्लीय भेदभाव (racial discrimination) था। काजल शर्मा संगठनात्मक अध्ययन और मानव संसाधन प्रबंधन के एसोसिएट प्रमुख के रूप में पांच साल के निश्चित अवधि के अनुबंध पर थी जो 31 दिसंबर 2020 को समाप्त हो गया और उन्हें इस पद के लिए फिर से आवेदन करना पड़ा लेकिन उनको फिर से नहीं चुना गया।