नई दिल्ली। यूक्रेन और रूस के बीच लगभग तीन साल से चल रहा युद्ध रूकने का नाम नहीं ले रहा है। एक तरफ जहां यूक्रेन रूस पर ड्रोन से लगातार हमले कर रहा है। वहीं रविवार सुबह रूस ने यूक्रेन के न्यूक्लियर पावर प्लांट पर हमला कर दिया। हमला इतना जोरदार था कि न्यूक्लियर प्लाट में चारों तरफ धुंआ फैल गया।
नई दिल्ली। यूक्रेन और रूस के बीच लगभग तीन साल से चल रहा युद्ध रूकने का नाम नहीं ले रहा है। एक तरफ जहां यूक्रेन रूस पर ड्रोन से लगातार हमले कर रहा है। वहीं रविवार सुबह रूस ने यूक्रेन के न्यूक्लियर पावर प्लांट पर हमला कर दिया। हमला इतना जोरदार था कि न्यूक्लियर प्लाट में चारों तरफ धुंआ फैल गया। एटॉमिक एनर्जी एजेंसी की रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है। ये वही न्यूक्लियर प्लांट है, जिस पर रूसी सेना ने कब्जा कर लिया था।
एटॅामिक एनर्जी एजेंसी के डायरेक्टर जनरल राफेल मारियानो ग्रॉसी ने एक रिपोर्ट के तहत इसकी जानकारी दी है।। उन्होंने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी की टीम ने यूक्रेन के ज़ापोरिज़्ज़िया न्यूक्लियर पावर प्लांट में धमाकों की आवाज सुनी और इसके पास की जगह से धुआं आते भी देखा गया। उन्होंने बताया कि प्लांट के एक हिस्से पर ये हमला हुआ था, इसकी दूरी न्यूक्लियर प्लांट से काफी कम थी। इस घटना से परमाणु सुरक्षा को लेकर खतरा पैदा हो गया है। टीम ने जानकारी देते हुए बताया कि रविवार सुबह न्यूक्लियर प्लांट की फेसिलिटी पर गोलाबारी और ड्रोन से हमला हुआ है। ये वही वक्त था जब टीम ने सैन्य गतिविधि की आवाज सुनी थी। एजेंसी की टीम ने दोपहर में भी उसी दिशा से धुआं देखा, जिससे हमले का शक और भी ज्यादा पुख्ता हो जाता है। ज़ापोरिज़्ज़िया न्यूक्लियर पावर प्लांट में दिखी ये हलचल अब न्यूक्लियर लीक और इसके खतरों को लेकर चिंता पैदा कर रहा है।
खतरनाक साबित हो सकता है न्यूक्लियर प्लांट पर हमला
आईएईए के डायरेक्टर जनरल राफेल ने अपने बयान में इस तरह के हमले को गलत बताया है और कहा है कि चाहे वो हमला किसी भी टारगेट के लिए हो, लेकिन परमाणु सुरक्षा के लिए भी संभावित जोखिम पैदा करता है। इस तरह के हमलों को हर हाल में टाला जाना चाहिए। डायरेक्टर ने आगे कहा मैं न्यूक्लियर दुर्घटना के जोखिम को रोकने के लिए ऐसे पावर प्लांट्स के नजदीक या उनके ऊपर किसी भी तरह के हमले को लेकर संयम बरतने की अपील करता हूं।
बता दे कि यूक्रेन के ज़ापोरिज़्ज़िया न्यूक्लियर पावर प्लांट पर ये हमला पहली बार नहीं हुआ है, पिछले साल भी इस प्लांट पर एक ड्रोन अटैक हुआ था। इस हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र की तरफ से संयम बरतने की अपील भी की गई थी। वहीं रूस ने हमले के पीछे यूक्रेन को जिम्मेदार ठहराया था, हालांकि यूक्रेन ने इससे साफ इनकार कर दिया। बता दें कि ये पूरा न्यूक्लियर प्लांट रूस के कंट्रोल में है, जिसे युद्ध के दौरान रूसी सैनिकों ने अपने कब्जे में लिया था। यूक्रेन इंटरनेशनल फोरम में इसे लेकर लगातार विरोध करता आया है और रूसी सेना को वहां से हटने के लिए कहा जा रहा है।