1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तर प्रदेश
  3. मई 2022 से अब तक यूपी कार्यवाहक डीजीपी के भरोसे, जानें 1991 बैच के आईपीएस राजीव कृष्ण के बारे में

मई 2022 से अब तक यूपी कार्यवाहक डीजीपी के भरोसे, जानें 1991 बैच के आईपीएस राजीव कृष्ण के बारे में

यूपी के नव नियुक्त कार्यवाह डीजी 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी राजीव कृष्णा अपने तीन दशक से अधिक लंबे करियर में  कई अलग-अलग भूमिकाओं में काम किया है। उनकी छवि एक कर्मठ अधिकारी की रही है। वर्तमान में वे डीजी इंटेलिजेंस और पुलिस भर्ती बोर्ड के चेयरमैन जैसे दो पदों की जिम्मेदारियां एक साथ संभाल रहे हैं।

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। यूपी के नव नियुक्त कार्यवाह डीजी 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी राजीव कृष्णा अपने तीन दशक से अधिक लंबे करियर में  कई अलग-अलग भूमिकाओं में काम किया है। उनकी छवि एक कर्मठ अधिकारी की रही है। वर्तमान में वे डीजी इंटेलिजेंस और पुलिस भर्ती बोर्ड के चेयरमैन जैसे दो पदों की जिम्मेदारियां एक साथ संभाल रहे हैं। राजीव कृष्ण की गिनती शासन के करीबी और भरोसेमंद अफसरों में होती है।

पढ़ें :- अब BJP सरकार के जाने का समय आ गया है तो ट्रांसफर पोस्टिंग में उगाही शुरू हो गयी: अखिलेश यादव

11 वरिष्ठ आईपीएस अफसरों को किया सुपरसीड

 प्रदेश सरकार ने वर्ष 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी राजीव कृष्णा को डीजीपी नियुक्त किया है। उप्र पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष के साथ डायरेक्टर विजिलेंस की जिम्मेदारी संभाल रहे राजीव कृष्ण 11 वरिष्ठ आईपीएस अफसरों को सुपरसीड कर डीजीपी बनाए गए हैं। बता दें कि निवर्तमान डीजीपी प्रशांत कुमार को सेवा विस्तार नहीं मिल सका, जिसके बाद देर शाम राजीव कृष्णा को डीजीपी बनाने की घोषणा कर दी है।

बता दें कि मूल रूप से गौतमबुद्धनगर के निवासी राजीव कृष्णा इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्युनिकेशन से इंजीनियरिंग की है। उन्हें दो बार राष्ट्रपति का गैलेंट्री अवार्ड भी मिल चुका है। उनकी सेवानिवृत्ति में अभी चार वर्ष और एक माह का समय बाकी है, जिसकी वजह से वह लंबे समय तक प्रदेश के डीजीपी बने रह सकते हैं।

आईपीएस राजीव कृष्ण का जीवन परिचय

पढ़ें :- UP weather alert: यूपी के इन जिलों में हो सकती है मूसलाधार बारिश, 18 जिलों में बिजली गिरने का ऑरेंज अलर्ट

राजीव कृष्ण, 1991 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी, उत्तर प्रदेश कैडर से हैं। हाल ही में, 31 मई 2025 को, उन्हें उत्तर प्रदेश का पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नियुक्त किया गया है। उनके जीवन और करियर के बारे में विस्तृत जानकारी निम्नलिखित है:

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

राजीव कृष्ण का जन्म 20 जून 1969 को उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर में हुआ था। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन में बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। इसके बाद, उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण की और 1991 में आईपीएस के लिए चयनित हुए।

करियर का सफर

राजीव कृष्ण का करियर उत्तर प्रदेश पुलिस और अन्य महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों में उल्लेखनीय रहा है। उनके प्रमुख पदों और योगदान निम्नलिखित हैं।

प्रारंभिक करियर: 1993 में आईपीएस की पुष्टि के बाद, उनका प्रमोशन सीनियर स्केल में 10 अक्टूबर 1995 को हुआ। 9 अगस्त 2005 को सेलेक्शन ग्रेड और 7 अगस्त 2007 को डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (डीआईजी) के पद पर प्रमोशन मिला। 9 नवंबर 2010 को इंस्पेक्टर जनरल (आईजी) और 1 जनवरी 2016 को अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) बने। फरवरी 2024 में उन्हें महानिदेशक (डीजी) के पद पर पदोन्नत किया गया।

महत्वपूर्ण नियुक्तियाँ:

पढ़ें :- क्या UP के बिजली और स्वास्थ्य मंत्री के बीच भी कुछ टकराहट है...अस्पताल के आईसीयू वार्ड की बिजली गुल होने पर अखिलेश यादव ने साधा निशाना

जिलों में सेवा: राजीव कृष्ण ने मथुरा, इटावा, और आगरा जैसे जिलों में पुलिस अधीक्षक (एसपी/एसएसपी) के रूप में कार्य किया। विशेष रूप से, 2004 में आगरा में एसएसपी के रूप में, उन्होंने अपराधियों और बीहड़ में सक्रिय अपहरण गिरोहों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की, जिसकी काफी चर्चा हुई।

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ): उन्होंने पांच साल तक बीएसएफ में इंस्पेक्टर जनरल (आईजी) के रूप में सेवा दी।

पुलिस भर्ती बोर्ड: मार्च 2024 में, उन्हें उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती और प्रोन्नति बोर्ड (यूपीपीआरपीबी) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। इस दौरान, उन्होंने 2024 में हुए पुलिस भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में पारदर्शी और स्वच्छ चयन प्रक्रिया सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी संभाली।

सतर्कता विभाग: उन्हें डीजी विजिलेंस के रूप में भी नियुक्त किया गया था।

डीजीपी नियुक्ति: 31 मई 2025 को, योगी आदित्यनाथ सरकार ने उन्हें उत्तर प्रदेश का नया पुलिस महानिदेशक नियुक्त किया। यह नियुक्ति तब हुई जब पूर्व कार्यवाहक डीजीपी प्रशांत कुमार को सेवा विस्तार नहीं मिला।

उल्लेखनीय उपलब्धियाँ

आगरा में अभियान: आगरा में एसएसपी के रूप में, राजीव कृष्ण ने अपराधियों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया, जिससे अपहरण गिरोहों पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित हुआ।

पढ़ें :- ओडिशा सिर्फ एक राज्य भर नहीं है, ये भारत की विरासत का है दिव्य सितारा: पीएम मोदी

पुलिस भर्ती बोर्ड: पेपर लीक मामले के बाद, उन्होंने भर्ती प्रक्रिया को आधुनिक और पारदर्शी बनाने के लिए अपने अनुभव का उपयोग किया।

प्रशासनिक कुशलता: उनकी नियुक्तियों और प्रमोशन का इतिहास उनकी प्रशासनिक क्षमता और अपराध नियंत्रण में विशेषज्ञता को दर्शाता है।

सिपाही भर्ती परीक्षा के थे हीरो 

दरअसल, प्रदेश में सिपाही नागरिक पुलिस के 60,244 पदों सीधी भर्ती की लिखित परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद प्रदेश सरकार ने राजीव कृष्णा को भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी थी। उन्होंने परीक्षा को सकुशल संपन्न कराई, जिसकी वजह से उनकी काबिलियत का लोहा मानते हुए राज्य सरकार ने उन्हें प्रदेश पुलिस का मुखिया बनाने का फैसला लिया है। राजीव कृष्णा लखनऊ समेत कई जिलों के पुलिस कप्तान भी रह चुके हैं। इसके अलावा वह लखनऊ के एडीजी जोन भी रहे हैं। उनकी पत्नी मीनाक्षी सिंह वरिष्ठ आईआरएस अधिकारी हैं और लखनऊ स्थित आयकर विभाग के मुख्यालय में तैनात हैं।

डीजीपी के रूप में राजीव कृष्ण वर्तमान में उत्तर प्रदेश पुलिस के महानिदेशक हैं। उनका कार्यकाल लंबा हो सकता है, क्योंकि उनकी सेवानिवृत्ति 2029 में होगी।

अतिरिक्त प्रभार: डीजीपी बनने से पहले, वह पुलिस भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष और सतर्कता विभाग के डीजी के रूप में कार्यरत थे।

पढ़ें :- हर शिक्षक से मेरा पारिवारिक संबंध, उनका दर्द मेरा दर्द है, गरीबों को शिक्षा से दूर करने के लिए सरकारी स्कूलों का सरकार कर रही विलय : अखिलेश यादव
इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...