मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को अपने सरकारी आवास पर आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश में निर्माणाधीन एवं नवीन एक्सप्रेस-वे परियोजनाओं, औद्योगिक कॉरीडोर तथा डिफेंस कॉरीडोर के विकास की प्रगति की समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को अपने सरकारी आवास पर आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश में निर्माणाधीन एवं नवीन एक्सप्रेस-वे परियोजनाओं, औद्योगिक कॉरीडोर तथा डिफेंस कॉरीडोर के विकास की प्रगति की समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में बीते 07 वर्षों में उत्तर प्रदेश में रोड इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य हुआ है। वर्ष 2017 तक मात्र 02 एक्सप्रेस-वे वाले इस प्रदेश में आज 06 एक्सप्रेस-वे हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग भी 07 वर्ष पहले की तुलना में लगभग दोगुने हो गए हैं। आज उत्तर प्रदेश को एक्सप्रेस-वे प्रदेश के रूप में नई पहचान मिल रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरठ से प्रयागराज को जोड़ने वाली गंगा एक्सप्रेस-वे को प्रत्येक दशा में आगामी दिसम्बर तक आम जनता के लिए उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखें, ताकि प्रयागराज कुंभ-2025 में देश-दुनिया के श्रद्धालुगण गंगा एक्सप्रेस-वे पर यात्रा का लाभ उठा सकें। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे के निर्माण की प्रगति संतोषप्रद है। जनपद गोरखपुर, संतकबीर नगर, आजमगढ़ और अम्बेडकर नगर के लिए यह शानदार कनेक्टिविटी का माध्यम बनेगा। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस का निर्माण समयबद्ध ढंग से पूरा करा लिया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जन आकांक्षाओं का सम्मान करते हुए बुन्देलखण्ड की जीवनरेखा बन चुके बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे को चित्रकूट से जोड़ने के लिए कार्यवाही तेज की जाए। इसके लिए बजट भी प्राविधानित की जा चुकी है। यह बुन्देलखण्ड की कनेक्टिविटी को और बेहतर करने में बड़ा सहायक होगा। कार्य की गुणवत्ता और परियोजना की समयबद्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर कनेक्टिविटी के लिए एक्सप्रेस-वे कवरेज को और विस्तार देने की आवश्यकता है। जेवर में विश्वस्तरीय एयरपोर्ट बन रहा है, इसे एक्सप्रेस-वे से जोड़ा जाना चाहिए। इसके लिए, गंगा एक्सप्रेस-वे से जेवर एयरपोर्ट तक लिंक एक्सप्रेस-वे का निर्माण कराया जाना उचित होगा। इसी प्रकार, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे तक लिंक एक्सप्रेस-वे तथा गंगा एक्सप्रेस-वे से आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे तक वाया फर्रुखाबाद एक नया लिंक एक्सप्रेस-वे बनाया जाना चाहिए। चित्रकूट लिंक एक्सप्रेस-वे के साथ-साथ यह तीन नए एक्सप्रेस-वे प्रदेश की तरक्की को तेज करने वाले होंगे। इस सम्बन्ध में प्रारम्भिक अध्ययन कर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाए। सभी एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर पौधे लगाए जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश को रक्षा उत्पादन का हब बनाने में अग्रणी भूमिका निभाने वाली उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल काॅरीडोर में देश-दुनिया की बड़ी रक्षा उत्पाद निर्माता कम्पनियां निवेश कर रही हैं। अब तक 24 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश डिफेंस कॉरीडोर में हो चुका है। लखनऊ नोड में ब्रम्होस एयरोस्पेस, एरोलॉय टेक्नोलॉजी, झांसी नोड में भारत डायनमिक्स लिमिटेड, कानपुर नोड में अडानी डिफेंस सिस्टम्स एण्ड टेक्नोलाॅजिज लिमिटेड, अलीगढ़ में एमिटेक इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और एंकर रिसर्च लैब्स एलएलपी जैसी बड़ी कम्पनियां अपनी इकाई लगा रही हैं। नवीन प्रस्तावों के सम्बन्ध में तत्काल निर्णय लिया जाए। कोई भी प्रस्ताव लम्बित न रखा जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बायो प्लास्टिक पार्क के विकास की कार्यवाही तेजी से आगे बढ़ाई जाए। जनपद लखीमपुर खीरी में बायो प्लास्टिक मैनुफैक्चरिंग यूनिट की स्थापना के लिए भूमि क्रय तेज किया जाना अपेक्षित है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 में प्राप्त निवेश प्रस्तावों के क्रियान्वयन की सतत समीक्षा की जाए। निवेशक को लैंड अलॉटमेंट करना हो अथवा देय इंसेंटिव का, इसमें कतई विलम्ब न हो। इसके सम्बन्ध में तत्काल निर्णय लिया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बदलती परिस्थितियों के बीच प्राधिकरणों के बाइलॉज को अपडेट करने की आवश्यकता है। नियमों को और अधिक निवेश अनुकूल बनाया जाना चाहिए। औद्योगिक विकास प्राधिकरणों में लैंडबैंक विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज की जाए। औद्योगिक कॉलोनियों में मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं की बेहतर व्यवस्था होनी चाहिए। यह विकास प्राधिकरण की जिम्मेदारी है कि इंडस्ट्रियल एरिया में सड़क, ड्रेनेज, सफाई, जलापूर्ति जैसी सुविधाएँ बेहतर ढंग से उपलब्ध हों।
मुख्यमंत्री ने कहा कि निजी पार्कों के विकास के लिए बड़ी संख्या में निवेशकों ने रुचि दिखाई है। एमएसएमई विभाग ने इस सम्बन्ध में अच्छा कार्य किया है। निजी पार्क की स्थापना हेतु निवेशकों को आवश्यक बल्क लैंड की पूर्ति हेतु औद्योगिक विकास प्राधिकरणों द्वारा भी तेजी से व्यवस्था की जाए। औद्योगिक विकास प्राधिकरणों द्वारा भूमि अधिसूचित करने के बाद अधिग्रहण की कार्यवाही प्रारम्भ करने में अनावश्यक विलम्ब न हो। किसानों को मुआवजा तत्काल दिया जाए। औद्योगिक विकास प्राधिकरणों द्वारा अपने औद्योगिक क्षेत्रों में सिक औद्योगिक इकाइयों की भूमि को नए निवेशकों को उपलब्ध कराने हेतु नीति घोषित करनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नवगठित बुन्देलखण्ड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) में भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही तेज किया जाना अपेक्षित है। यह प्रयास प्रदेश में बुन्देलखण्ड के विकास को एक नई ऊंचाई देने वाला होगा। दादरी में मल्टीमोडल लॉजिस्टिक्स हब (एमएमएलएच) एवं बोराकी में मल्टीमोडल ट्रांसपोर्ट हब (एमएमटीएच)के विकास की प्रक्रिया तेज की जाए।