UP Monsoon 2024 : कानपुर में पिछले तीन दिनों तक लगातार तापमान 46 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चल रहा है। शुक्रवार को तापमान 46.7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। रात का पारा 34.4 डिग्री रहा जो प्रदेश में सर्वाधिक है। मौसम विभाग (Meteorological Department) ने चेतावनी जारी की है कि 18 जून तक इसी तरह दिन और रात में गर्म हवाएं चलेंगी।
UP Monsoon 2024 : कानपुर में पिछले तीन दिनों तक लगातार तापमान 46 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चल रहा है। शुक्रवार को तापमान 46.7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। रात का पारा 34.4 डिग्री रहा जो प्रदेश में सर्वाधिक है। मौसम विभाग (Meteorological Department) ने चेतावनी जारी की है कि 18 जून तक इसी तरह दिन और रात में गर्म हवाएं चलेंगी।
अभी तक मौसम विभाग (Meteorological Department) का आकलन था कि 29 जून तक कानपुर में मानसून दस्तक दे सकता है, लेकिन रेमल चक्रवात (Remal Cyclone) की वजह से जो मानसून तेजी से उत्तर प्रदेश की ओर बढ़ रहा था, वह अब पश्चिम बंगाल और बिहार के बीच ठिठक गया है। इस वजह से गर्म हवाओं की रफ्तार तेज हो गई है।
सीएसए के मौसम विभाग प्रमुख डॉ. एसएन सुनील पांडेय (CSA Meteorological Department Chief Dr. SN Sunil Pandey) के अनुसार, मानसूनी हवाओं को किसी तरह की कोई चक्रवाती हवाओं का साथ नहीं मिलने की वजह से समुद्र से उठने वाली हवाएं ऊपर की ओर नहीं जा पा रही हैं, जिसका असर सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश पर पड़ रहा है।
उन्होंने बताया कि यही वजह है कि यूपी के सभी जिले दूसरे राज्यों की अपेक्षा ज्यादा गर्म हैं। इसी वजह से ही इस बार मार्च से मई के बीच बारिश की मात्रा में 60 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है। साथ ही मानसूनी सीजन वाले महीने जून से लेकर सितंबर के बीच की बारिश का सिलसिला अभी तक शुरू ही नहीं हो पाया है। पिछले वर्ष इन महीनों में 728 मिमी बारिश रिकाॅर्ड की गई थी, जिसकी शुरुआत दो जून से ही हो गई थी।
तेजी से बढ़ रहीं उत्तर पश्चिमी हवाएं
सीएसए मौसम विभाग के प्रमुख डॉ. एसएन सुनील पांडेय (CSA Meteorological Department Chief Dr. SN Sunil Pandey) ने बताया कि जून के महीने में लगातार गर्मी बढ़ने की वजह बारिश का मौसम नहीं बन रहा है। रेमल चक्रवात (Remal Cyclone) का असर बंगाल के पास तक खत्म होने के बाद मानसून अब बंगाल-बिहार के बीच आकर ठिठक गया है। ऐसे में उत्तर पश्चिमी हवाएं तेजी से आगे बढ़ने लगी है जिससे गर्मी और लू बढ़ती जा रही है। पहले लू का असर सिर्फ सात जून तक था।