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UP News : दुनिया के सबसे एडवांस कैमरों से यूपी विधानसभा में विधायकों की निगरानी, तैयार होगी ऑटोमेटिक रिपोर्ट

यूपी विधानसभा (UP Assembly) जल्द ही दुनिया के सबसे एडवांस कैमरों से लैस होगी। ये कैमरे न केवल चेहरों की पहचान करेंगे बल्कि एक-एक विधायक के क्रियाकलापों की निगरानी भी रखेंगे। इन कैमरों की खासियत दर्जनों की भीड़ में भी चेहरे पहचानने, उनके कामकाज से लेकर गतिविधियों की ऑटोमेटिक रिपोर्ट तैयार करने की होगी।

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। यूपी विधानसभा (UP Assembly) जल्द ही दुनिया के सबसे एडवांस कैमरों से लैस होगी। ये कैमरे न केवल चेहरों की पहचान करेंगे बल्कि एक-एक विधायक के क्रियाकलापों की निगरानी भी रखेंगे। इन कैमरों की खासियत दर्जनों की भीड़ में भी चेहरे पहचानने, उनके कामकाज से लेकर गतिविधियों की ऑटोमेटिक रिपोर्ट तैयार करने की होगी।

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इस काम के लिए विधानसभा सचिवालय ने ई टेंडर जारी किया है। इसके फाइनल होने के 45 दिन के अंदर कैमरे लगाने होंगे। विधानसभा के बजट सत्र में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना (Assembly Speaker Satish Mahana) ने इस पहल की जानकारी दी थी। उम्मीद की जा रही है कि शीतकालीन सत्र नए एआई सिस्टम की निगरानी में होगा।

विधानसभा के चप्पे-चप्पे को एआई आधारित चेहरा पहचानने के सिस्टम में वीडियो, फोटो और आवाज रिकॉर्ड करने की तकनीक होगी। इस सिस्टम में चेहरा देखकर व्यक्ति की नाम के साथ गणना, समय और तारीख भी प्राप्त की जा सकेगी। विधानसभा क्राउड एनालिटिक्स सॉफ्टवेयर के दायरे में भी रहेगी।

इसके तहत भीड़ में एक-एक चेहरे को पहचानकर उनका नाम सहित रिकॉर्ड सेकेंडों में देखा जा सकेगा। सिस्टम छिपे या अधखुले चेहरों को भी पहचान लेगा। इतना ही नहीं अलग-अलग रंग-रूप में ढले एक व्यक्ति को भी पकड़ लेगा। चाहे इसमें दाढ़ी, मूंछ, चश्मा, हेयरस्टाइल सहित अन्य बदलाव होंगे।

सभी विधायकों का पूरा ब्योरा दर्ज होगा

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काली सूची में दर्ज नाम और चेहरों को पहचान कर अलर्ट करने की तकनीक भी नए सिस्टम में होगी। डीप लर्निंग डाटा (Deep Learning Data) के जरिये सभी विधायकों का पूरा ब्योरा सिस्टम में दर्ज होगा। डिवाइस नाम, वाचलिस्ट, लिंग, तारीख, समय और लोकेशन से भी चेहरों को ढूंढ निकालेगी। पूरा एआई सिस्टम (AI system) करीब 42 डिवाइस से लैस होगा। नए एआई सिस्टम (AI system) को विधानसभा मंडप में पहले से स्थापित ऑडियो-वीडियो सिस्टम के साथ तालमेल बैठाना भी आवश्यक होगा। जिस कंपनी का चयन किया जाएगा, उसे पहले से स्थापित उपकरणों के साथ सामंजस्यता का प्रमाण पत्र लेना होगा।

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