उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मिली कारारी हार के बाद समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। चुनाव के बाद उन्हें लगातार अपनों की नाराजगी देखने को मिल रही है। सपा अध्यक्ष ने जयंत चौधरी, ओपी राजभर, चाचा शिवपाल यादव के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ा था।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मिली कारारी हार के बाद समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। चुनाव के बाद उन्हें लगातार अपनों की नाराजगी देखने को मिल रही है। सपा अध्यक्ष ने जयंत चौधरी, ओपी राजभर, चाचा शिवपाल यादव के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ा था।
वहीं, इस चुनाव के बाद से अखिलेश (Akhilesh Yadav) लगातार अकेले पड़ते दिख रहे हैं। चाचा शिवपाल यादव की राहें फिर से अलग हो गईं हैं। कहा जा रहा है कि जल्द ही वो भाजपा में शामिल हो जाएंगे। इसके साथ ही आजम खान का खेमा भी नाराज चल रहा है। आजम खान सपा के सबसे बड़े मुस्लिम चेहरा हैं लेकिन अब वो भी नाराज चल रहे हैं।
ऐसे में अब अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। रामपुर के सपा के मीडिया प्रभारी फसाहत अली खान ने सीधे अखिलेश यादव पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि मुस्लिमों को जब जेल भेजा गया और उनकी संपत्तियां जब्त की गईं तो अखिलेश यादव चुप बैठे रहे। उनका यह भी कहा है कि सपा ने 111 सीटें मुसलमानों के ही वोटों से जीती हैं। इसके बाद भी अखिलेश चुप बैठे हुए हैं।
गठबंधन में पड़ सकती है दरार
बता दें कि, समाजवादी पार्टी ने चुनाव के दौरान छोटे छोटे दलों से गठबंधन किया था। इसमें चाचा शिवपाल यादव की प्रसपा, ओमप्रकाश राजभर की सुभासपा, जयंत चौधरी की राष्ट्रीय लोकदल, केशव देव मौर्य के महान दल समेत अन्य छोटे दलों से गठबंधन किया था। चुनाव में हार के बाद गठबंधन में दार के संकेत मिलने शुरू हो गए हैं। शिवपाल यादव बागी हो गए हैं। सूत्रों की माने तो इस गठबंधन में जल्द ही दरार देखने को मिल सकती है।