अमेरिका का मिलिट्री प्लेन (US C-17 Military Aircraft)अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर भारत पहुंच चुका है। अमेरिकी C-147 प्लेन (US C-17 Plane) से अवैध प्रवासी भारतीयों का पहला जत्था भारत पहुंच गया है।
नई दिल्ली। अमेरिका का मिलिट्री प्लेन (US C-17 Military Aircraft)अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर भारत पहुंच चुका है। अमेरिकी C-147 प्लेन (US C-17 Plane) से अवैध प्रवासी भारतीयों का पहला जत्था भारत पहुंच गया है।
यह प्लेन अमृतसर एयरपोर्ट (Amritsar Airport) पर लैंड हो चुका है, जहां पुलिस और प्रशासन मुस्तैद हैं। अमृतसर डिप्टी कमीश्नर ने पुष्टि की कि बुधवार को दोपहर 1.59 बजे प्लेन अमृतसर एयरपोर्ट (Amritsar Airport) पर लैंड हो गया। एयरपोर्ट पर मौजूद अमेरिकी दूतावास के एक अधिकारी ने बताया कि प्लेन में कुल 104 भारतीय हैं जिनमें 13 बच्चे, 79 पुरुष और 25 महिलाएं हैं। इन भारतीयों में से 33 लोग गुजरात से हैं जो अमृतसर एयरपोर्ट के भीतर ही रहेंगे और इन्हें वहीं से सीधे गुजरात भेजा जाएगा।
जानकारी के मुताबिक, अमेरिका से डिपोर्ट कर लाए गए भारतीयों को मेक्सिको-अमेरिकी सीमा से पकड़ा गया था। कहा जा रहा है कि ये भारत से वैध तरीके से रवाना हुए थे लेकिन इन्होंने डंकी रूट के जरिए अमेरिका में घुसने की कोशिश की थी। भारत पहुंचने पर इन लोगों की गिरफ्तारी का कोई आधार नहीं है क्योंकि इन्होंने किसी भी तरह से भारतीय कानूनों का उल्लंघन नहीं किया है।
जानें किस राज्य से कितने लोग?
इस प्लेन में पंजाब से 30, हरियाणा से 33, गुजरात से 33, महाराष्ट्र से 3, उत्तर प्रदेश के 3 और चंडीगढ़ के 2 लोग हैं। बता दें कि अमेरिका में रह रहे अवैध प्रवासी भारतीयों को लेकर US एयरफोर्स के C-17 ग्लोबमास्टर एयरक्राफ्ट ने टेक्सास के पास अमेरिकी सैन्यअड्डे से उड़ान भरी। इस प्लेन में 104 अवैध भारतीय प्रवासी हैं।
बता दें कि ट्रंप सरकार अवैध प्रवासियों को ले जाने के लिए सैन्य विमान का इस्तेमाल करती रही है। इससे पहले ग्वाटेमाला, पेरू और होंडूरास में भी अमेरिकी मिलिट्री प्लेन से अवैध प्रवासियों को भेजा गया था। मालूम हो कि 27 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर हुई बातचीत के बाद ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका से अवैध प्रवासी भारतीयों को वापस भारत बुलाने के लिए भारत सही कदम उठाएगा। अनुमान के मुताबिक, अमेरिका में लगभग 18000 अवैध प्रवासी भारतीय हैं, जिन्हे भारत डिपोर्ट किया जाना है। ट्रंप के सत्ता में आने के बाद भारत सरकार ने इस समस्या को सुलझाने के लिए अमेरिका के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई थी।
बता दें कि ट्रंप प्रशासन ने इससे पहले ग्वाटेमाला, पेरू और होंडूरास के अवैध प्रवासियों को भी उनके मुल्क भेज दिया था। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने टेक्सास के अल पासो और कैलिफोर्निया के सैन डिएगो में हिरासत में रखे गए 5000 से अधिक अवैध अप्रवासियों को भी उनके देशों में भेजना शुरू कर दिया है। प्यू रिसर्च सेंटर के आंकड़ों के मुताबिक, अमेरिका में लगभग 7.25 लाख अवैध भारतीय अप्रवासी रहते हैं। यह आंकड़ा अवैध प्रवासियों की तीसरी सबसे बड़ी संख्या का है। पहले स्थान पर मेक्सिको और दूसरे पर अल सल्वाडोर है। पिछले महीने भारत सरकार ने कहा था कि अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे भारतीय नागरिकों को वापस लेने के मामले में भारत हमेशा तैयार रहा है। विदेश मंत्री जयशंकर (Foreign Minister S. Jaishankar)ने कहा था कि भारत यह जांच कर रहा है कि अमेरिका में कितने भारतीय अवैध रूप से रह रहे हैं और इन्हें वापस भेजा जा सकता है या नहीं।
अमेरिकी इतिहास का सबसे बड़ा डिपोर्टेशन प्रोग्राम
डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने राष्ट्रपति बनते ही अमेरिकी इतिहास का सबसे बड़ा डिपोर्टेशन प्रोग्राम शुरू किया है। इस प्रोग्राम के तहत ट्रंप ने अवैध प्रवासियों को उनके मुल्क भेजने की कवायद शुरू कर दी है। पिछले हफ्ते ब्लूमबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि भारत और अमेरिका ने ऐसे लगभग 18000 भारतीयों की शिनाख्त की है, जो अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे हैं। पिछले हफ्ते अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो (US Secretary of State Marco Rubio) ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर (India’s Foreign Minister S. Jaishankar) से मुलाकात की थी और अवैध प्रवासियों से जुड़ी समस्या का समाधान करने की इच्छा जताई थी।