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US Presidential Election Voting: डोनाल्ड ट्रंप या कमला हैरिस… कौन होगा अमेरिका का 47वां राष्ट्रपति? आज मतदाता करेंगे दोनों की किस्मत का फैसला

US Presidential Election Voting: दुनिया के सबसे ताकतवर और बड़े लोकतांत्रिक देशों में एक अमेरिका में 5 नवंबर 2024 को 47वें राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने वाले हैं। जिसके लिए वोटिंग अमेरिका के अलग-अलग राज्यों के स्थानीय समयानुसार सुबह 7 बजे से लेकर 9 बजे (भारतीय समयानुसार शाम 4:30 बजे से लेकर रात 9:30 बजे तक) के बीच शुरू होगी। इस बार राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेट्स पार्टी की कमला हैरिस (उपराष्ट्रपति) और रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रंप (पूर्व राष्ट्रपति) के बीच मुकाबला है।

By Abhimanyu 
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US Presidential Election Voting: दुनिया के सबसे ताकतवर और बड़े लोकतांत्रिक देशों में एक अमेरिका में 5 नवंबर 2024 को 47वें राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने वाले हैं। जिसके लिए वोटिंग अमेरिका के अलग-अलग राज्यों के स्थानीय समयानुसार सुबह 7 बजे से लेकर 9 बजे (भारतीय समयानुसार शाम 4:30 बजे से लेकर रात 9:30 बजे तक) के बीच शुरू होगी। इस बार राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेट्स पार्टी की कमला हैरिस (उपराष्ट्रपति) और रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रंप (पूर्व राष्ट्रपति) के बीच मुकाबला है।

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उपराष्ट्रपति कमला हैरिस (Vice President Kamala Harris) और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Former President Donald Trump) ने चुनाव में जीत के दावे को मजबूत करने के लिए जमकर प्रचार-प्रसार किया है। इन आखिरी घंटों में भी ट्रंप ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे हैं तो हैरिस भी धुंआधार कैंपेन में जुटी हैं। हालांकि, अब ये नतीजा ही बताएगा की किसने बाजी मारी है। अमेरिका के अलग-अलग राज्यों में मतदान भारतीय समयानुसार शाम 4:30 बजे से लेकर रात 9:30 बजे तक शुरू होकर बुधवार की सुबह 4:30 बजे तक खत्म हो सकते हैं। वोटिंग खत्म होते ही मतगणना (counting of votes) शुरू हो जाएगी। मतगणना खत्म होने पर पॉपुलर वोट (जनता के वोट) का विजेता घोषित किया जाता है, लेकिन यह हर बार जरूरी नहीं कि जिस उम्मीदवार को सबसे ज्यादा पॉपुलर वोट मिले हैं वह राष्ट्रपति पद का विजेता हो, क्योंकि अमेरिका में असल में राष्ट्रपति का चुनाव पॉपुलर वोट्स नहीं बल्कि इलेक्टोरल कॉलेज (Electoral College) करते हैं।

अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में कई बार ऐसा भी होता है कि किसी राज्य में अनुमानित विजेता घोषित किया जा रहा हो, जबकि दूसरे में वोटिंग जारी हो। ऐसे में कई बार सटीक नतीजे आने में एक-दो दिन का समय लग जाता है। वहीं दिसंबर में इलेक्टर्स की वोटिंग के बाद 25 दिसंबर तक सारे इलेक्टोरल सर्टिफिकेट (Electoral Certificate) सीनेट के अध्यक्ष को सौंप दिए जाएंगे। इसके बाद 6 जनवरी, 2025 को कांग्रेस के संयुक्त सत्र में इलेक्टर्स के वोटों की गिनती होगी, इसी दिन उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस (Vice President Kamala Harris) सदन में विजेता के नाम का ऐलान करेंगी।

क्या होता है इलेक्टोरल कॉलेज? 

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में इलेक्टोरल कॉलेज (Electoral College) की भूमिका सबसे अहम होती है। इलेक्टोरल कॉलेज अमेरिका के हर राज्य के लिए तय किए गए इलेक्टर्स की संख्या है. किसी भी उम्मीदवार को चुनाव जीतने के लिए 538 में से 270 इलेक्टोरल कॉलेज जीतने होंगे। हर राज्य को यूएस हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव (US House of Representatives) और अमेरिकी सीनेट (US Senate) में उसके प्रतिनिधियों की संख्या के अनुसार ही इलेक्टर्स मिलते हैं। वर्तमान में सबसे ज्यादा 55 इलेक्टर्स कैलिफोर्निया राज्य में हैं, वहीं सबसे कम इलेक्टर्स की संख्या 3 है, जो कि अमेरिका के वायोमिंग समेत 6 राज्यों में हैं। हालांकि सबसे ज्यादा अहमियत 7 स्विंग राज्यों (Swing States) की होती है क्योंकि ज्यादातर राज्यों की तरह इनका रुख पहले से स्पष्ट नहीं होता है और यही वजह है कि इन स्विंग राज्यों को प्रमुख ‘बैटल फील्ड’ माना जाता है।

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अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव का फार्मूला

अमेरिका के प्रत्येक राज्य के इलेक्टोरल वोट = 2 (सीनेट प्रतिनिधित्व) + राज्य के प्रतिनिधि सभा में प्रतिनिधियों की संख्या। इस प्रकार 50 राज्यों और वॉशिंगटन डी.सी. (जिसे 3 इलेक्टोरल वोट मिलते हैं) को मिलाकर कुल 538 इलेक्टोरल वोट होते हैं। देश में राष्ट्रपति बनने के लिए किसी उम्मीदवार को 538 इलेक्टोरल वोटों में से कम से कम 270 वोटों की जरूरत होती है, जो पूर्ण बहुमत मानी जाती है। यह सिस्टम सुनिश्चित करता है कि राष्ट्रपति पद का चुनाव राज्यों के एक संतुलित प्रतिनिधित्व के आधार पर हो न कि केवल जनसंख्या पर। इस तरह, छोटे राज्यों को भी उचित प्रतिनिधित्व मिलता है।

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