सनातन धर्म में वैशाख अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है। कहते हैं कि इसी महीने में त्रेता युग की शुरुआत हुई थी। इस दिन स्नान-दान और पूजा-पाठ का विशेष महत्व है।
Vaishakh Amavasya 2024 : सनातन धर्म में वैशाख अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है। कहते हैं कि इसी महीने में त्रेता युग की शुरुआत हुई थी। इस दिन स्नान-दान और पूजा-पाठ का विशेष महत्व है। पौराणिक मान्यता है कि इस दिन पूजा-पाठ करने से व्यक्ति को सभी दुखों से मुक्ति मिल जाती है। वैशाख अमावस्या पर कुंडली में मौजूद कालसर्प जैसे कष्टकारी दोषों को आसानी से दूर किया जा सकता है। वर्ष का यह समय किसी की शारीरिक, आध्यात्मिक और मानसिक शुद्धि के लिए सर्वोत्तम है। लोग अक्सर अपने जीवन में अच्छी ऊर्जा लाने के लिए कपड़े और अन्य वस्तुएं दान करते हैं।
इस साल वैशाख अमावस्या तिथि 7 मई को सुबह 11 बजकर 41 मिनट पर आरंभ होगी और अगले दिन यानी 8 मई को सुबह 8 बजकर 52 मिनट पर समाप्त होगी। हालांकि वैशाख अमावस्या 8 मई को ही मान्य है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 4.10 बजे से सुबह 4.52 बजे तक अमावस्या तिथि का स्नान किया जा सकता है।
वैशाख अमावस्या पूजा विधि
दिन की शुरुआत ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके करें। अगर संभव हो तो किसी भी पवित्र नदी में डुबकी लगाएं।
वैशाख अमावस्या के दिन उपवास रखें।
वैशाख अमावस्या के दिन भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करें। पीपल के पेड़ को भी तिल चढ़ाएं।
गरीबों को दान, भोजन, वस्त्र अर्पित करें। पक्षियों के लिए कुछ बीज या बाजरा फैलाएं।