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Video: संसद पहुंचते ही राजनाथ सिंह को जयराम रमेश ने दी सरदार पटेल की बेटी की डायरी, बाबरी मस्जिद से जुड़ा मामला

Parliament Winter Session 2025: कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने आज संसद का शीतकालीन सत्र के दिन की कार्यवाही में शामिल होने आए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को एक किताब सौंपी है, जोकि 'सरदार पटेल की इनसाइड स्टोरी: मणिबेन पटेल की डायरी' नाम की किताब है। गुजरात में लिखी गयी इस किताब को सौंपते हुए रमेश ने राजनाथ सिंह ने किताब जरूर पढ़ने का आग्रह किया, लेकिन रक्षामंत्री ने कहा कि उन्हें तो गुजराती आती नहीं है। हालांकि, कांग्रेस नेता की ओर से यह किताब सौंपा जाना राजनाथ सिंह के हाल ही में बाबरी मस्जिद पर दिये बयान से जुड़ा हुआ है।

By Abhimanyu 
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Parliament Winter Session 2025: कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने आज संसद का शीतकालीन सत्र के दिन की कार्यवाही में शामिल होने आए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को एक किताब सौंपी है, जोकि ‘सरदार पटेल की इनसाइड स्टोरी: मणिबेन पटेल की डायरी’ नाम की किताब है। गुजरात में लिखी गयी इस किताब को सौंपते हुए रमेश ने राजनाथ सिंह ने किताब जरूर पढ़ने का आग्रह किया, लेकिन रक्षामंत्री ने कहा कि उन्हें तो गुजराती आती नहीं है। हालांकि, कांग्रेस नेता की ओर से यह किताब सौंपा जाना राजनाथ सिंह के हाल ही में बाबरी मस्जिद पर दिये बयान से जुड़ा हुआ है।

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दरअसल, पिछले दिनों केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ‘बाबरी मस्जिद’ को लेकर बड़ा बयान दिया था। 2 दिसंबर को राजनाथ सिंह ने गुजरात में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि देश के पहले प्रधानमंत्री ‘जवाहरलाल नेहरू सार्वजनिक धन से बाबरी मस्जिद बनवाना चाहते थे, लेकिन सरदार वल्लभभाई पटेल ने उनकी योजना सफल नहीं होने दी। इस पर कांग्रेस ने आरोप लगाया था राजनाथ सिंह पंडित नेहरू के बारे में झूठ फैला रहे हैं। अब कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने ‘द इनसाइडर ऑफ सरदार पटेल; द डायरी ऑफ मणिबेन पटेल 1936-1950’ नाम की किताब का कुछ अंश को राजनाथ सिंह को सौंपा है।

द इनसाइडर ऑफ सरदार पटेल; द डायरी ऑफ मणिबेन पटेल 1936-1950 में बाबरी मस्जिद और सोमनाथ मंदिर कौ लेकर पंडित जवाहरलाल नेहरू और सरदार वल्लभ भाई पटेल के बीच बातचीत का अंश है। किताब में लिखा है- सरदार पटेल ने नेहरू को स्पष्ट तौर पर बताया था कि सरकार किसी मस्जिद के निर्माण पर कुछ भी खर्च नहीं कर सकती। उन्होंने नेहरू को बताया था कि सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण का मुद्दा अलग है, क्योंकि इसके लिए एक ट्रस्ट का गठन कर 30 लाख रुपये जुटाए गए थे। पटेल ने तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू को बताया था कि इसमें कहीं भी सरकारी खर्च नहीं हुआ। ये बात सुनकर नेहरू खामोश हो गए। 20 सितंबर 1950 की ये घटना है।

इससे पहले, जयराम रमेश ने 6 दिसंबर को किताब के कुछ अंश एक्स पर शेयर किए थे और उन्होंने राजनाथ सिंह पर झूठी बयानबाजी करने का आरोप लगाया था। उन्होंने एक्स पोस्ट में लिखा था- “यहां सीए आर. एस. पटेल ‘आरेश’ द्वारा लिखी गई किताब ‘समर्पित पडछायो सरदारनो’ के पेज 212-213 पर मणिबेन की गुजराती में लिखी मूल डायरी एंट्री दी गई है, जिसे सरदार पटेल वल्लभभाई पटेल मेमोरियल सोसाइटी ने 2025 में पब्लिश किया था। मूल डायरी एंट्री में जो लिखा है और राजनाथ सिंह जी और उनके साथी इतिहासकार जो फैला रहे हैं, उसमें बहुत बड़ा अंतर है। रक्षा मंत्री को उन झूठ के लिए माफी मांगनी चाहिए जो वह सिर्फ़ PM के साथ अपने रिश्ते सुधारने के लिए फैला रहे हैं।”

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