आजकल एक से बढ़कर डिजाइन वाले फैंसी फुटवेयरल मिलते है। जिसे आजकल फैंशन और स्टाइल के चक्कर में टाइट और गलत फुटवियर पहन लेते है। जिससे चलने के तरीके से लेकर पैरों की बनावट और फंगल इंफेक्शन, कमर दर्द, घुटने में दर्द, पिंडलियों में दर्द जैसी की बीमारियों की आशंका भी बढ़ जाती है।
Wearing tight shoes can harm feet: आजकल एक से बढ़कर डिजाइन वाले फैंसी फुटवेयरल मिलते है। जिसे आजकल फैंशन और स्टाइल के चक्कर में टाइट और गलत फुटवियर पहन लेते है। जिससे चलने के तरीके से लेकर पैरों की बनावट और फंगल इंफेक्शन, कमर दर्द, घुटने में दर्द, पिंडलियों में दर्द जैसी की बीमारियों की आशंका भी बढ़ जाती है।
पैरों की सेहत के लिए आरामदायक और सॉफ्ट फुटवियर का चुनाव करना चाहिए। वहीं टाइट और अपनी नाप से अलग जूता पहने से पैरों में दर्द, सूजन और थकान होने लगती है। इतना ही नहीं लंबे समय तक टाइट जूते पहनने से रक्त संचार पर भी बुरा असर पड़ता है।
टाइट जूते पहनने से नाखून अंदर की ओर बढ़ सकते हैं, जिससे व्यक्ति के दर्द और संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा टाइट जूते पहनने से स्किन पर घर्षण होने लगता है, जिससे पैरों पर छाले और कॉर्स या कैलस बन सकते है।
अगर आप लंबे समय तक तंग जूते पहनते है तो इससे बनियन यानि अंगूठे के जोड़ की हड्डी बढ़ने या हैमर टो पंजो के ऊपर के हिस्सों में घाव की समस्या हो सकती है। पैरों की संरचना को प्रभावित करती है। जो सूजन और दर्द का कारण बनता है।
टाइट जूतों को पहनने हवा का संचार कम होता है, जिससे पैरों में पसीना और नमी बढ़ने से फंगल इंफेक्शन जैसे एथलीट फुट हो सकता है। इसके अलावा टाइट जूते कई बार मोर्टन न्यूरोमा की स्थिति पैदा कर सकते है। जिससे मरीज के पैर की तीसरी और चौथी उंगली के सूजन, सनसनी, असहनीय दर्द, सुन्नता होती है, जो पैरों के लिए स्थायी रुप से नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए हमेशा आरामदायक औऱ अपनी नाप के ही जूते पहनने चाहिए।